Finance Bill 2021: राज्यसभा में बोले दीपेंद्र हुड्डा- अर्थव्यवस्था की विफलताओं को कोरोना के माथे पर चिपका रही सरकार
कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Photo Credits Twitter)

नई दिल्ली, 24 मार्च : राज्यसभा में बुधवार को वित्त विधेयक 2021 (Finance Bill 2021) पर बहस में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के हरियाणा से सांसद दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) की गलत नीतियों के कारण आज अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है. नोटबंदी, जीएसटी और कोरोना के दौरान गलत प्रबंधन ने अर्थव्यवस्था को आईसीयू में पहुंचा दिया. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण सबसे ज्यादा जीडीपी अगर लुढ़की तो हिंदुस्तान की. हुड्डा ने कहा, "यूपीए के समय अर्थव्यवस्था की क्या गति थी और आज एनडीए सरकार में क्या गति है, आंकड़ों की तुलना करने पर पिक्च र क्लियर होती है. यूपीए के समय दस साल की औसत जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत थी, अगर नई सीरीज में इसे आंकें तो 11 प्रतिशत होगी. जबकि वर्ष 2014 से 2020 तक छह साल के प्री-कोविड पीरियड में ग्रोथ रेट 6.8 प्रतिशत रही. यानी बढ़ने के बजाए कम हो गई." दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसी भी अर्थव्यवस्था की कुर्सी के चार पैर होते हैं. कंजप्शन और डिमांड, निवेश, एक्सपोर्ट और गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर. इन चार संकेतों की तुलना करने पर यूपीए और एनडीए के दौर की अर्थव्यवस्था की पिक्च र और क्लियर हो जाती है.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, "अगर दस साल के यूपीए और आपके छह साल की तुलना करें और निवेश की बात करें तो यूपीए के समय इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट ग्रोथ रेट 14 प्रतिशत थी, आज वह दो प्रतिशत हो गई है. क्रेडिट और बैंक लोन की दर यूपीए के समय 13 प्रतिशत थी, वह घटकर चार प्रतिशत आ गई. प्राइवेट कंजप्शन ग्रोथ यानी की डिमांड यूपीए के समय 24 प्रतिशत थी, अब नौ प्रतिशत आ गई. कारपोरेट सेल्स ग्रोथ रेट यूपीए के समय 12 प्रतिशत थी, आज छह साल में मात्र तीन साल पर ठहर गया. एक्सपोर्ट ग्रोथ रेट 21 प्रतिशत था, वह अब 2014-20 तक तीन प्रतिशत पर आ गया." यह भी पढ़ें : BHU Violence: होली समारोह के दौरान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि नोटबंदी के बाद से अर्थव्यवस्था पटरी से उतरनी शुरू हुई, जीएसटी ने कमर तोड़ दी, लेकिन कोरोना के दौरान गलत तरह से किए गए मैनेजमेंट ने अर्थव्यवस्था को आईसीयू में पहुंचा दिया. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार के आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम ने वर्ष 2020 में कहा था कि ये आम बंदी नहीं है. तीस साल में ऐसी मंदी नहीं देखी गई. लेकिन, सरकार ने अपनी विफलताओं को कोरोना के माथे पर चिपकाने का प्रयास किया.