मैसूर: वैसे तो देशभर में दशहरा का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन मैसूर इसे बेहद अलग अंदाज से सेलिब्रेट किया जाता है. यहां राजसी ठाट-बाट के साथ दशहरे का त्योहार मनाया जाता है और लोगों में इस दौरान जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है, लेकिन इस बार मैसूर महल में दशहरा की रौनक फिकी नजर आई. दरअसल, मैसूर राजघराने की महारानी प्रमोदा देवी वोडेयार की मां पुट्टा चिन्नामानी का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है, जिसके चलते मैसूर के अम्बा पैलेस में विजयादशमी पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है.
इस महल के एक अधिकार के अनुसार, महारानी प्रमोदा देवी की 98 वर्षीय मां को वायरल बुखार के कारण मैसूर के शांतिवराय गोपालगोडा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. शाही परिवार में हुए इस निधन के बाद महल के भीतर और बाहर दशहरे के मौके पर होने वाले हर आयोजन को रद्द कर दिया गया है.
बताया जाता है कि दशहरा के मौके पर होने वाले विजय परेड में शाही परिवार द्वारा गोद लिए गए यदुवीर कृष्णदत्त चामाराजा वोडेयार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले थे, लेकिन इस दुखद घटना के बाद उनके साथ उनकी पत्नी त्रिशिखा देवी और परिवार के दूसरे सदस्यों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया. यह भी पढ़ें: Dussehra 2018: रामलीला मैदान में हुआ रावण का पुतला दहन, पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद हुए शामिल
बता दें कि मैसूर की सड़कों पर निकलने वाले पारंपरिक दशहरा जुलूस को वहां के स्थानीय निवासी जंबू सावरी के नाम से जानते हैं, जिसे कर्नाटक सरकार और शाही परिवार मिलकर आयोजित करता है. हालांकि चिन्नामानी के निधन पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को हिम्मत दे.