कोरोना संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बड़ी घोषणा, कोविड प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ रूपये की लोन गारंटी का ऐलान
कोरोना संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड प्रभावित सेक्टर को लेकर बड़ा ऐलान किया. सरकार की तरफ से किये गए ऐलान के अनुसार कोविड प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया है. इसके अलावा हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया है.
नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कोविड प्रभावित सेक्टर को लेकर बड़ा ऐलान किया. सरकार की तरफ से किये गए ऐलान के अनुसार कोविड प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया है. इसके अलावा हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया है. ये रकम नॉन मेट्रो मेडिकल इंफ्रा के लिए खर्च किए जाएंगे.
इसके साथ ही दूसरे सेक्टर्स के लिए 60,000 करोड़ रुपये के लोन गारंटी की घोषणा की गई है. वहीं वित्त मंत्री ने 1.5 लाख करोड़ रुपये के एडिशनल इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (Emergency Credit Line Guarantee Scheme-ECLGS) की घोषणा की है, जिसका सेक्टर-वाइज एलोकेशन जरूरत के हिसाब से फाइनलाइज किया जाएगा. यह भी पढ़े: PM Cares For Children: मुफ्त शिक्षा, हेल्थ बीमा, मासिक भत्ता और 10 लाख रुपए का फंड- मोदी सरकार करेगी कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की मदद
कोविड प्रभावित सेक्टर के लिए केंद्र की बड़ी घोषणा:
सरकार की तरफ से की गई घोषणा के अनुसार लोन गारंटी स्कीम के तहत हेल्थ सेक्टर के लिए 100 करोड़ का अधितकम लोन अमाउंट रखा गया है. जबकि इस पर अधिकतम ब्याज दर 7.95 प्रतिशत लगेगा. वहीं, दूसरे सेक्टरों के लिए अधिकतम ब्याज दर 8.25% रखा गया है. इसके कवरेज में जरूरत के हिसाब से बदलाव किया जाएगा.
सरकार की घोषणा में अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू होने के बाद भारत आने वाले पहले 5 लाख पर्यटकों को वीजा शुल्क नहीं देना होगा. योजना 31 मार्च, 2022 तक लागू है, या पहले 5 लाख वीजा के वितरण के बाद बंद कर दी जाएगी. इसका लाख एक पर्यटक केवल एक बार ही उठा सकता है.
बता दें कि पिछले साल कोविड-19 महामारी से प्रभावित इकोनॉमी को उबारने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था. सरकार का ये राहत पैकेज कुल 27.1 लाख करोड़ रुपये का था, जो कि कुल जीडीपी का 13 फीसदी से भी ज्यादा था.