Corona Pandemic: कोरोना को लेकर बड़ी राहत, रिकॉर्ड स्तर पर लोग हो रहे हैं ठीक, दवा नहीं जागरूकता भी है एक वजह
देश में एक ही दिन में 56,383 करोना मरीज ठीक हुए हैं, जो एक नया रिकॉर्ड है. इससे आज कोविड-19 (COVID-19) रोगियों के ठीक होने की संख्या लगभग 17 लाख के करीब पहुंच गई है. सरकार के साथ देश भर के चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों और कोरोना वॉरियर्स के प्रयासों के साथ-साथ जागरूकता ने भी असर दिखाया है. दरअसल रिकवरी रेट बढ़ने की सबसे बड़ी वजह जागरूकता है, दवा नहीं.
देश में एक ही दिन में 56,383 करोना मरीज ठीक हुए हैं, जो एक नया रिकॉर्ड है. इससे आज कोविड-19 (COVID-19) रोगियों के ठीक होने की संख्या लगभग 17 लाख के करीब पहुंच गई है. सरकार के साथ देश भर के चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों और कोरोना वॉरियर्स के प्रयासों के साथ-साथ जागरूकता ने भी असर दिखाया है. दरअसल रिकवरी रेट बढ़ने की सबसे बड़ी वजह जागरूकता है, दवा नहीं.
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (Lady Hardinge Medical College) के डॉ. राजेंद्र धमीजा Dr. (Rajendra Dhamija) का कहना है कि वायरस कभी भी भेदभाव नहीं करता, ये किसी को भी हो सकता है. लोग भी पहले भयभीत होते थे कि अस्पताल से लोग आकर ले जायेंगे, लोग क्या कहेंगे. लेकिन अब देश के लीडर हो या बड़ी हस्तियां हो वो भी संक्रमित पाये गये और खुद सामने आ कर सबको जानकारी दी कि वो कोविड पॉजिटिव हैं. उन्होंने ऐसे लोगों को भी कहा अपना जांच करायें या क्वारनटाइन करें. इससे आम जनता को भी हिम्मत आयी कि वो संक्रमण के लक्षण आने पर बिना डरे सामने आ रहे हैं और अब लोग समझ रहें हैं कि कैसे बचाव करना है औऱ लोग इससे ठीक भी हो जाते हैं. यह भी पढ़े: COVID-19 Health Update: कोरोना वायरस महामारी के बीच बच्चों के प्रति बिलकुल न बरतें लापरवाही, छोटी सी गलती पड़ सकती है महंगी
जागरूकता की वजह से ही अब लोग संक्रमित होते हैं, तो तुरंत अस्पताल की ओर नहीं भागते हैं, बल्कि संयम के साथ घर में पहले क्वारनटाइन हो जाते हैं। जब दिक्कत बढ़ती है तभी अस्पताल जाते हैं। इसके अलावा केस बढ़ने पर लोग खुद से सतर्क हो गये हैं और जो भी नियम बताए गए हैं उनका पालन करने लगे हैं। पहले किसी को हाथ धोने को कहते थे, तो वो बहाने बनाते थे, लेकिन आज वही लोग खुद हाथ धो रहे हैं और लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं। हालाकि डॉक्टरों का ये भी कहना है कि जिन्हें पहले से कोई बीमारी है उन्हें आम लोगों से खुद के प्रति ज्यादा सतर्क रहना है, तभी कोरोना की जंग सार्थक होगी.
मृत्यु दर भी घटी
देश भर में केंद्र और राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के ठोस, केन्द्रित और सहयोगात्मक प्रयासों के साथ-साथ लाखों फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की सहायता से होम आइसोलेशन के पर्यवेक्षण, केन्द्र द्वारा सलाह दिए गए। देखभाल के मानकों के माध्यम से गंभीर रोगियों के प्रभावी जांच प्रबंधन सहित अनेक उपायों के द्वारा त्वरीत परीक्षण, व्यापक ट्रैकिंग और कुशल उपचार को सफलतापूर्वक लागू करना वजह है.
इससे ठीक होने वाले रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई और रोगियों के ठीक होने की दर 70 प्रतिशत (आज 70.77 प्रतिशत) को पार कर गई है, जबकि कोविड रोगियों की मामला मृत्यु दर घटकर 1.96 प्रतिशत तक आ गई और इसमें लगातार गिरावट आ रही है.
रिकॉर्ड संख्या में रोगियों के ठीक होने से यह सुनिश्चित हुआ है कि देश में सक्रिय रोगियों के मामले कम हुए हैं वर्तमान में कुल पॉजिटिव मामले केवल 27.27 प्रतिशत हैं. ठीक होने वाले मरीजों की संख्या सक्रिय मामलों (6,53,622) की तुलना में 10 लाख से अधिक हैं.