COVID-19: ऑक्सीजन संकट से किसी की मौत की पुष्टि नहीं, केवल 1 राज्य से 1 संदिग्ध की मौत- मंत्रालय
ऑक्सीजन प्लांट (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 (COVID-19) की दूसरी लहर (Second Wave) के दौरान किसी भी राज्य (State) ने ऑक्सीजन (Oxygen) संकट के कारण किसी की मौत की सूचना नहीं दी है. मंगलवार को यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Lav Agarwal) ने कहा, केवल एक राज्य ने अब तक दूसरी कोविड लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट के कारण एक संदिग्ध मौत की सूचना दी है. किसी अन्य राज्य ने ऑक्सीजन संकट के कारण मौत की सूचना नहीं दी है. COVID-19: एनसीडीसी ने बताया- अब तक 86 नमूनों में मिला डेल्टा प्लस स्वरूप, इसकी वजह से मामलों में घातक वृद्धि नहीं हुई

लव अग्रवाल ने कहा, "राज्यों से पूछा गया था कि क्या ऑक्सीजन से संबंधित मौतें हुई हैं? अब तक हमें मिली रिपोटरें के अनुसार, एक राज्य ने एक संदिग्ध मामले का उल्लेख किया है, अन्य राज्यों ने यह नहीं कहा है कि उनके यहां ऑक्सीजन से संबंधित मौतें हुई हैं.

मौजूदा महामारी की स्थिति पर बोलते हुए, अग्रवाल ने कहा, "हमने दैनिक कोविड मामलों में पर्याप्त गिरावट हासिल की है. भारत पिछले कुछ दिनों से लगभग 40,000 दैनिक कोविड मामलों की रिपोर्ट कर रहा है, लेकिन हमने पिछले तीन दिनों से दैनिक मामलों में बड़ी कटौती देखी है. आज कोविड-19 के 28,204 नए मामले सामने आए हैं, जो पिछले 147 दिनों में सबसे कम हैं."

अग्रवाल ने कहा कि इन कुल मामलों में से लगभग 51.51 प्रतिशत केरल से सामने आए हैं. उन्होंने कहा, इस समय भारत में कुल 37 जिले हैं, जहां हमने दैनिक कोविड मामलों के बढ़ते रुझान को देखा है, जिसमें केरल के 11, तमिलनाडु के 7 और हिमाचल प्रदेश के 6 जिले शामिल हैं.

लगभग 44 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट है। वर्तमान में कुल सक्रिय मामलों में से, केरल का 43.77 प्रतिशत योगदान है और यहां 1,77,091 सक्रिय मामले हैं. साथ ही, महाराष्ट्र में 18.48 प्रतिशत सक्रिय मामले हैं और यहां कुल सक्रिय मामले 74,944 हैं. दोनों राज्यों का कुल सक्रिय मामलों में 62 प्रतिशत से अधिक का योगदान है.

केरल के कोविड के रुझानों के बारे में बात करते हुए, एनसीडीसी के निदेशक डॉ सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि ग्रामीण और शहरी के बीच की सीमा रेखा केरल में उतनी दिखाई नहीं दे रही है, जितनी उत्तर भारत में है, जिसने राज्य में संक्रमण फैलाने में भी योगदान दिया.

उन्होंने कहा, उन्होंने नए मामलों का पता लगाने के लिए निष्क्रिय निगरानी पर अधिक जोर दिया, लेकिन संचरण की श्रृंखला को काटने के लिए जोर नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि एक अन्य कारण संक्रमण में योगदान, मधुमेह का प्रसार है, जो राज्य में 30 प्रतिशत से अधिक है.

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि हम टीकाकरण के जरिए ही हार्ड इम्युनिटी हासिल कर सकते हैं, ताकि ट्रांसमिशन को रोका जा सके.