=ग्रेटर नोएडा, 28 दिसंबर : कोविड-19 के नया वेरिएंट जेएन.1 एक चिंताजनक वेरिएंट है. केरल में जेएन.1 नामक चिंताजनक नए वेरिएंट की पहचान होने के बाद सभी जगह पर इससे बचाव को लेकर कार्य शुरू हो गया है. नया वेरिएंट कितना खतरनाक है, इससे बचाव के क्या-क्या उपाय हैं, इन पर सर्वोदय अस्पताल, ग्रेटर नोएडा के पल्मोनोलॉजी की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सपना यादव ने जानकारी दी है.
उनके मुताबिक जेएन.1 वेरिएंट मे ओमीक्रॉन वेरिएंट्स जैसे ही लक्ष्ण पाए गए हैं, लेकिन इसमें एक विशिष्ट स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन है. यह तेजी से फैलने बाला और हल्के लक्षणों को प्रदर्शित करता है, लेकिन ये पहले के वेरिएंट से अभी तक थोड़ा कम खतरनाक साबित हुआ है. यह भी पढ़ें : Karnataka COVID-19: कोरोना को लेकर कर्नाटक सरकार का फैसला, पीड़ितों के संपर्क में आने वाले करीबियों का होगा टेस्ट
डॉ. यादव के मुताबिक जेएन.1 से संक्रमित रोगियों को तात्कालिक लक्षण जैसे बुखार, नाक से रक्तस्राव, गले में खराश, सिरदर्द, और कई मामलों में मध्यम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं. कुछ रोगियों को सांस लेने में कठिनाई भी हो सकती है. इसके इलाज के लिए कोविड-19 पीसीआर टेस्टिंग के साथ क्लिनिकल लक्षण मूल्यांकन शामिल है. संक्रमण के जोखिम कारकों में उम्र, लिंग, धूम्रपान, और सीओपीडी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कोरोनरी धमनी रोग, और मैलिग्नेंसी जैसी पूर्व मौजूदा स्थितियां शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि उपचार सहायक है, पैक्सलोविड, मोलनुपिराविर (लेगेवरियो) और रेमेडिसविर (वेक्लरी) जैसे एंटीवायरल दबा दी जाती है, जो सीडीसी दिशानिर्देशों के अनुसार है. डब्लूएचओ के अनुसार वर्तमान टीके जेएन.1 और अन्य वेरिएंट में उपयोगी हैं.
डॉ. सपना ने इससे बचने के लिए सतर्क रहने, मास्क पहनने, श्वसन शिष्टाचार, नियमित हाथों की सफाई, टीकाकरण के साथ अपडेट रहने, और बीमार होने पर घर में रहने की सलाह दी है. खास तौर पर गाइडलाइंस का पालन जरूर किया जाना चाहिए.