नयी दिल्ली, 21 अप्रैल : देश में निर्मित कोविड-19 (COVID-19) का टीका ‘कोवैक्सीन’,(Covaxine) सार्स-सीओवी-2 के कई प्रकारों को निष्प्रभावी करता है और दो बार अपना उत्परिवर्तन कर चुके वायरस के प्रकार के खिलाफ भी प्रभावी है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधा परिषद (ICMR) ने बुधवार को यह जानकारी दी. भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को भारत में तथा कई अन्य देशों में कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकालीन प्रयोग के लिए अधिकृत किया गया था. आईसीएमआर ने ट्वीट किया, “आईसीएमआर का अध्ययन दिखाता है कि कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के विभिन्न प्रकारों को निष्प्रभावी करता है और दो बार परिवर्तित किस्मों के खिलाफ भी प्रभावी रूप से काम करता है.”
आईसीएमआर की राष्ट्रीय जीवाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने सार्स-सीओवी-2 वायरस के विभिन्न प्रकारों: बी.1.1.7 (ब्रिटेन में मिला प्रकार), बी.1.1.28 (ब्राजील का प्रकार) और बी.1.351 (दक्षिण अफ्रीका का प्रकार) को सफलतापूर्वक अलग किया और संवर्धित किया. स्वास्थ्य अनुसंधान के शीर्ष निकाय ने कहा कि आईसीएमआर-एनआईवी ने ब्रिटेन के प्रकार और ब्राजील के प्रकार को बेअसर करने की कोवैक्सीन के सामर्थ्य को प्रदर्शित किया. यह भी पढ़ें : Lockdown in Puducherry: पुडुचेरी में 23 अप्रैल से 26 अप्रैल तक लॉकडाउन
ICMR study shows COVAXIN neutralises against multiple variants of SARS-CoV-2 and effectively neutralises the double mutant strain as well: Indian Council of Medical Research (ICMR) #COVID19 pic.twitter.com/QDM6UcaJkg
— ANI (@ANI) April 21, 2021
आईसीएमआर ने कहा कि संस्थान दो बार उत्परिवर्तन कर चुके बी.1.617 सार्स-सीओवी-2 प्रकार को भी संवर्धित करने में कामयाब रहा है. वायरस का यह प्रकार भारत के कुछ क्षेत्रों और कई अन्य देशों में पाया गया है. कोवैक्सीन वायरस के इस प्रकार को भी निष्प्रभावी करने में सफल रही है.