नई दिल्ली, 19 जून: तमिलनाडु के मदुरै में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सिंडिकेट बैंक के एक पूर्व प्रबंधक को बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है अदालत ने मामले में शामिल 14 अन्य लोगों को भी तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने सिंडिकेट बैंक के तत्कालीन प्रबंधक (स्केल-द्वितीय) एन. गुनासीलन को जेल की सजा सुनाते हुए उन्हें 75,000 रुपये का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है. यह भी पढ़े: CBI Files FIR Against GS Entertainment Directors: सीबीआई ने जीएस एंटरटेनमेंट निर्देशकों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर, बैंक फ्रॉड से जुड़ा है मामला
सीबीआई ने 4 अक्टूबर 2010 को कोयम्बटूर में सिंडिकेट बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था सीबीआई ने कहा कि शिकायत में आरोप लगाया गया था कि सिंडिकेट बैंक के साथ धोखाधड़ी करने के लिए निजी व्यक्तियों ने लोक सेवकों के साथ मिलकर साजिश रची थी लोक सेवकों ने अपात्र उधारकर्ताओं (ऋण लेने वालों) को 155.79 लाख रुपये के आवास ऋण स्वीकृत और वितरित किए थे ऋण खाते बाद में 162.72 लाख रुपये की गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) बन गए सीबीआई ने जांच करने के बाद 3 मई 2012 को आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया.