कोरोना संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश-15 दिन में सभी प्रवासी मजदूर घर पहुंचाए जाएं
कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या देश में 2 लाख 26 हजार से पार है. रोजाना पीड़ितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन 5.0 चल रहा है. हालांकि केंद्र ने इसमें छूट दी है. इसे सरकार ने अनलॉक 1 नाम दिया है. लॉकडाउन के समय से अब तक प्रवासी मजदूरों के पलायन का मुद्दा चर्चा में है. इसके साथ ही देश में राजनीति भी खूब हुई है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर फिर सुनवाई हुई है.
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus in India) से पीड़ितों की संख्या देश में 2 लाख 26 हजार से पार है. रोजाना पीड़ितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन 5.0 (Lockdown 5.0 in India) चल रहा है. हालांकि केंद्र ने इसमें छूट दी है. इसे सरकार ने अनलॉक 1 (Unlock 1) नाम दिया है. लॉकडाउन के समय से अब तक प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) के पलायन का मुद्दा चर्चा में है. इसके साथ ही देश में राजनीति भी खूब हुई है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर फिर सुनवाई हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्यों को 15 दिनों के भीतर प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी राज्यों को यह बातें रिकॉर्ड पर लानी है कि वे कैसे रोजगार और अन्य सहायता मुहैया कराने वाले हैं. इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा. यह भी पढ़ें-कोरोना संकट: प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- उनसे नहीं वसूला जाना चाहिए बस या ट्रेन का किराया
ANI का ट्वीट-
सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि 'भारतीय रेलवे ने 3 जून तक 4,228 ट्रेनें चलाई हैं. इसके साथ ही अब तक एक करोड़ प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाया गया है. उन्होंने बताया कि सड़क मार्ग से 41 लाख और ट्रेन से 57 लाख प्रवासी मजदूरों को सरकार ने घर पहुंचाया गया है. तुषार मेहता ने आगे यह भी जानकारी दी कि ज्यादातर ट्रेनें यूपी-बिहार के लिए चलाई गई हैं.