कोरोना के खिलाफ जंग में एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने जिलों में ट्रूनॉट मशीन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. दरअसल टीबी की जांच प्रक्रिया तेज, सटीक और सस्ती करने वाली स्वदेशी मशीन ट्रूनॉट की खास बात ये है कि कोविड-19 संक्रमण की भी जांच होगी. इसमें एक साथ दो सैम्पल लगाए जा सकेंगे और दो घंटे में उनकी रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी. ऐसे में जांच प्रक्रिया में काफी तेजी आएगी. अब तक टीबी की जांच सीबीनॉट से की जाती है.
अब कोविड-19 की जांच में आएगी तेजी:
वहीं ट्रूनॉट मशीन के बारे में जानकारी देते हुए कुछ दिन पहले प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा था कि राज्य में करीब 30 लैब कोविड19 की जांच कर रहे हैं. लेकिन इस मशीन से संदिग्ध मरीजों की प्रारंभिक जांच के तहत एक से दो घंटे में रिपोर्ट आ जाएगी.
इस बारे में और जानकारी देते हुए फर्रुखाबाद जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुनील मल्होत्रा ने बताया कि इससे जल्द ही टीबी और कोरोना की टेस्टिंग शुरू की जाएगी. इसकी रिपोर्ट भी दो घंटे में मिल जाएगी. ट्रू नॉट मशीन मुख्य रूप से टीबी की जांच के लिए है लेकिन इसमें एक साफ्टवेयर बदलकर कोरोना की जांच भी की जा सकती है. डॉ. सुनील मल्होत्रा ने बताया अभी कोरोना जांच के लिए फर्रुखाबाद जिले से सैंपल लेकर लखनऊ, सैफई और कानपुर स्थित लैब भेजे जा रहे हैं. सैंपल की जांच और इसकी रिपोर्ट आने में 3 से 4 दिन का समय लग रहा है. इस कारण लोगों को होम क्वारनटाइन करने में काफी परेशानी आ रही है. नई मशीन आने से एक दिन में 24 सैंपल की जांच हो सकेगी. इससे स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें भी दूर होंगी. साथ ही कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने ट्रू नॉट मशीन की लैब बनाने के लिए डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय जांच लैब को चिन्हित किया है. इसमें कोरोना की प्रारंभिक जांच होगी. ट्रू नॉट मशीन टीबी की जांच सीवी नॉट मशीन की तरह ही करेगी. इसकी ऑपरेटिंग के लिए स्थानीय लैब टेक्नीशियन को जल्द प्रशिक्षित किया जाएगा.
सूबे में 55 जिलों में लगेगी मशीन:
बता दें कि राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने सूबे को 55 ट्रूनॉट मशीनें उपलब्ध कराई हैं. राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी की ओर से इन मशीनों को सूबे के 55 जिलों को आवंटित भी कर दिया गया है. राज्य क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी की ओर से जिला क्षय रोग अधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इन मशीनों की मदद से न केवल टीबी की जांच होगी बल्कि को विड-19 संक्रमण की जांच भी की जा सकेगी. टीबी की जांच के लिए अब तक स्वास्थ्य विभाग के पास सीबीनॉट मशीन थी. लेकिन ट्रूनॉट मशीन आने से टीबी और कोरोना की जांच में तेजी आएगी. विभिन्न चरणों में भारत सरकार राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को कुल 458 ट्रूनॉट मशीनें उपलब्ध कराएगी.
सरकारी अस्पतालों में लगेगी ट्रू-नॉट मशीन:
बता दें कि कि सीबीनॉट मशीन की लागत 27 लाख रुपए है. इसके अलावा जांच के लिए प्रयोग किया जाने वाला कार्टिलेज भी काफी महंगा है, जबकि ट्रू-नॉट मशीन का कार्टिलेज सस्ता पड़ेगा. यह मशीनें जिला अस्पतालों और संयुक्त जिला अस्पतालों में स्थापित की जाएंगी. इन मशीनों के जरिए कोविड-19 संक्रमण और क्षय रोग की जांच की जाएंगी. जांच के लिए इन मशीनों में प्रयुक्त होने वाले कार्टिलेज का आवंटन भी जरूरत के मुताबिक समय समय पर राज्य स्तर से किया जाएगा. ट्रूनॉट मशीन से प्राप्त कोविड-19 संक्रमण की रिपोर्ट को प्रतिदिन प्रदेश पोर्टल और आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जबकि क्षय रोग की रिपोर्ट संबंधित जिला क्षय रोग अधिकारी को भेजी जाएगी.
(इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार)