देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए लॉकडाउन के दरम्यान मेट्रो सेवा बंद कर दी गई थी. इसके पीछे मकसद था कि COVID-19 ज्यादा न फैले. लेकिन इसके कारण अब नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली (Delhi) में आम लोगों की लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो (Metro) की सेवाएं लाकडाउन (Lockdown) के कारण पिछले कुछ महीनों से बंद है. लॉकडाउन से पहले मेट्रो में सफर करने वालों की संख्या करीबन 28 लाख थी. लेकिन कोरोना संकट के बाद मेट्रो सेवा बंद होने से अब आर्थिक संकट के बादल मंडराने लगे हैं. जिसके चलते अब डीएमआरसी (DMRC) ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल DMRC ने कई महीने से दिल्ली मेट्रो का संचालन ठप रहने की वजह से कर्मचारियों की सुविधाओं और भत्तों में कटौती करने का फैसला लिया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, DMRC द्वारा कर्मचारियों की सुविधाओं और भत्तों में 50 प्रतिशत की कटौती का फैसला किया गया हैं. यह अगस्त 2020 से लागू होगा. जिसमें बेसिक भुगतान के 15.75 प्रतिशत ही भत्ता मिलेगा. इसके अलावा हाउस बिल्डिंग अडवांस (HBA), मल्टीपरपज अडवांस, लैपटॉप अडवांस, फेस्टिवल अडवांस को अगले आदेश तक रोका गया है. बता दें कि पिछले कुछ महीनों में सेवाओं के बंद होने से दिल्ली मेट्रो को लगभग 1,300 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है.
ANI का ट्वीट:-
In view of adverse financial condition due to non-operation of metro services, perks & allowances to be reduced by 50% with effect from Aug 2020. Starting with the salary for Aug, perks & allowances will be payable at the rate of 15.75% of Basic Pay: Delhi Metro Rail Corporation pic.twitter.com/QLrs14tUoe
— ANI (@ANI) August 18, 2020
गौरतलब हो कि दिल्ली मेट्रो का परिचालन मार्च महीने के अंत से बंद है. ऐसे में 5 अगस्त को मेट्रो ट्रेनों का संचालन ठप हुए कई महीने से अधिक हो चुके हैं. दिल्ली मेट्रो का करीब 389 किलोमीटर का नेटवर्क है और कुल 285 स्टेशन हैं. वहीं 300 से अधिक ट्रेनें हैं जो संचालित होती हैं. इन सभी मेट्रो स्टेशन के अंदर करीब 400 दुकाने मौजूद हैं. जिन पर कोरोना के चलते बंद हुए मेट्रो स्टेशन का सीधा प्रभाव पड़ा है.