Musalmano ki Awaz Dabane Ki Koshish: तेलंगाना विधानसभा में सीएम रेवंत रेड्डी और अकबरुद्दीन औवेसी के बीच छिड़ी जुबानी जंग
तेलंगाना विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई, जब ओवैसी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस मुसलमानों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है.
हैदराबाद, 22 दिसंबर : तेलंगाना विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी (CM Revanth Reddy) और एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई, जब ओवैसी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस मुसलमानों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. जब ओवैसी ने कांग्रेस विधायक के. सत्यनारायण के खिलाफ कुछ टिप्पणी की, तो ऊर्जा क्षेत्र पर बहस के दौरान उनका पारा चढ़ गया. जब एआईएमआईएम नेता ने पुराने शहर में बिजली क्षेत्र से संबंधित लंबित कार्यों का उल्लेख किया, तो कांग्रेस विधायक ने जानना चाहा कि वह 10 वर्षों से क्या कर रहे थे, जब उनकी मित्र पार्टी बीआरएस सत्ता में थी. इससे नाराज होकर ओवेसी ने कुछ टिप्पणियां कीं, जिसका सत्तापक्ष ने कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा, "क्या आपको लगता है कि 10 साल बाद सत्ता मिलने के बाद आप हमें झुका सकते हैं. हम डरने वालों में से नहीं हैं. हम लड़े हैं और लड़ते रहेंगे."
एआईएमआईएम नेता ने यह भी याद किया कि संयुक्त आंध्र प्रदेश के अंतिम मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने उन्हें जेल भेजा था. उन्होंने कहा, "हम पांच बार जेल गए और अगर हमें दोबारा जाना पड़ा तो मैं जाऊंगा. अगर आप टकराव चाहते हैं तो हम इसके लिए तैयार हैं." इस पर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हस्तक्षेप किया और औवेसी से कहा कि एआईएमआईएम मुसलमानों का प्रतिनिधि होने का दावा नहीं कर सकती. उन्होंने पूछा कि क्या एआईएमआईएम वास्तव में मुसलमानों की ओर से बोल रही है, तो उसे यह बताना चाहिए कि उसने जुबली हिल्स निर्वाचन क्षेत्र में पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन, जो कांग्रेस के उम्मीदवार थे, को हराने के लिए एक मुस्लिम उम्मीदवार को क्यों मैदान में उतारा. यह भी पढ़ें : Chhattisgarh Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ में सरकार गठन के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार आज, 9 मंत्री लेंगे शपथ; यहां देखें पूरी लिस्ट
रेवंत रेड्डी ने 10 वर्षों के "कुशासन" के बावजूद बीआरएस का बचाव करने के लिए एआईएमआईएम की भी आलोचना की. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण और विकास के लिए 100 प्रतिशत प्रतिबद्ध है. यह दावा करते हुए कि कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों के लोगों को मुख्यमंत्रियों और राष्ट्रपति के पदों पर नियुक्त किया, उन्होंने टिप्पणी की कि अल्पसंख्यक कल्याण के लिए कांग्रेस को किसी से सीखने की जरूरत नहीं है.
तीखी बहस के दौरान ओवैसी ने कहा कि रेवंत रेड्डी का राजनीतिक करियर एबीवीपी से शुरू हुआ और वह टीआरएस, आरएसएस, भाजपा के के साथ रहे, बाद में कांग्रेस में चले गए. उन्होंने टिप्पणी की, "हर जगह रहने के अनुभव के साथ उन्हें परिपक्व होना चाहिए." इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वह एआईएमआईएम के बारे में बोलना शुरू करेंगे तो उन्हें मुश्किल होगी. उन्होंने याद दिलाया कि कैसे एआईएमआईएम ने एन. भास्कर राव का समर्थन किया था, जब उन्होंने एन.टी. रामाराव के नेतृत्व वाली तेदेपा सरकार को गिरा दिया था. तीखी बहस के दौरान एआईएमआईएम सदस्य बार-बार सदन के बीचोंबीच आ गए. राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद यह पहली बार था कि सत्तारूढ़ दल और एआईएमआईएम के बीच विधानसभा में तीखी नोकझोंक हुई.