अपने विदाई समारोह में भावुक होकर बोले CJI दीपक मिश्रा- हमारी न्यायिक व्यवस्था वर्ल्ड में बेस्ट

देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा सोमवार को अपने विदाई समारोह के दौरान भावुक नजर आए. उन्होंने आज अंतिम बार अदालत की कमान संभाली. उनके बाद न्यायमूर्ति रंजन गोगोई इस पद को संभालेंगे. अपने विदाई समारोह के भाषण में मिश्रा ने कहा कि भारतीय न्यायिक व्यवस्था दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है.

CJI दीपक मिश्रा (Photo credit: ANI)

नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा सोमवार को अपने विदाई समारोह के दौरान भावुक नजर आए. उन्होंने आज अंतिम बार अदालत की कमान संभाली. उनके बाद न्यायमूर्ति रंजन गोगोई इस पद को संभालेंगे. अपने विदाई समारोह के भाषण में मिश्रा ने कहा कि भारतीय न्यायिक व्यवस्था दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है. उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट सर्वोपरि है और हमेशा सर्वोपरि ही रहेगा. जस्टिस गोगोई के हाथ में न्यायपालिका की स्वतंत्रता अक्षुण्ण रहेगी.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्याय हमेशा संतुलित होना चाहिए. समता के साथ न्याय तब सार्थक होगा जब सुदूर के व्यक्ति को न्याय मिले. उन्होंने आगे कहा, "मैं लोगों को इतिहास के तौर पर जज नहीं करता. मैं ये नहीं कह सकता कि अपनी जुबान रोको, ताकि मैं बोल सकूं. मैं आपकी बात सुनूंगा और अपने तरीके से अपनी बात रखूंगा. मैं लोगों को इतिहास से नहीं उनकी गतिविधियों से जज करता हूं.”

जस्टिस मिश्रा ने बीते दस दिन में आधार, समलैंगिकता, विवाहेत्तर और सबरीमला जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण फैसले सुनाने वाली पीठों की अध्यक्षता की. यह भी पढ़े- जानिए, कौन हैं न्यायमूर्ति रंजन गोगोई; 3 अक्टूबर को राष्ट्रपति कोविंद दिलाएंगे CJI पद की शपथ

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को सेवानिवृत हो रहे हैं, लेकिन उस दिन महात्मा गांधी की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश है. इसलिए उनका अंतिम कार्य दिवस आज ही था. सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने वरिष्ठता के सिद्धांत का अनुपालन करते हुए अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश की थी. जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति गोगोई के नाम पर मुहर लगाई.

जस्टिस मिश्रा को 17 जनवरी 1996 को उड़ीसा उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. इसके बाद उनका मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में तबादला हो गया था. वह 19 दिसंबर 1997 को स्थायी न्यायाधीश बने थे. उन्होंने 23 दिसंबर 2009 को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया था. वह 24 मई 2010 को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने थे. जस्टिस 10 अक्टूबर 2011 को पदोन्नति प्राप्त कर शीर्ष अदालत में पहुंचे थे और 28 अगस्त 2017 को देश के प्रधान न्यायाधीश बने थे.

कौन हैं जस्टिस रंजन गोगोई-

जस्टिस रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को असम में हुआ. उन्होंने 1978 में वकालत शुरू की और 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बनाए गए. 12 फरवरी 2011 को जस्टिस गोगोई पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने. इसके बाद 23 अप्रैल 2012 को उनको प्रोन्नति प्रदान कर देश के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया.

Share Now

\