Farmers Protest: केंद्र के पास किसान संगठनों के साथ बैठकों का कोई रिकॉर्ड नहीं, RTI में हुआ खुलासा

सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत एक चौंकाने वाले खुलासे में केंद्र ने कहा है कि उसके पास तीन कृषि विधेयकों को अंतिम रूप देने से पहले किसान संगठनों के साथ बैठकों या चर्चाओं से संबंधित किसी भी तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

किसान आंदोलन (Photo Credits: PTI)

मुंबई, 24 दिसंबर: सूचना का अधिकार (RTI) के तहत एक चौंकाने वाले खुलासे में केंद्र ने कहा है कि उसके पास तीन कृषि विधेयकों को अंतिम रूप देने से पहले किसान संगठनों के साथ बैठकों या चर्चाओं से संबंधित किसी भी तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं है. एक आरटीआई कार्यकर्ता ने यहां गुरुवार को यह दावा किया. मुंबई स्थित आरटीआई कार्यकर्ता और सामाजिक प्रचारक जतिन देसाई ने कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग में एक आरटीआई आवेदन दायर किया था.

देसाई (Desai) ने आईएएनएस को बताया, "मैंने तीन साधारण सवाल पूछे थे, जिनमें तीन कृषि अध्यादेशों को आगे बढ़ाने से पहले किसान संगठनों के साथ कितनी बैठकें की गईं, यह कहां पर आयोजित हुई और इसके लिए किसे आमंत्रित किया गया. इसके अलावा अध्यादेशों के बीच मसौदा कानूनों पर चर्चा करने के लिए कितनी बैठकें आयोजित की गईं." आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि हालांकि संबंधित विभाग के सीपीआईओ ने केवल यह कहा, "यह सीपीआईओ इस मामले में कोई रिकॉर्ड नहीं रखता है."यह भी पढ़े: कृषि कानूनों में संशोधन की जरूरत, किसानों से ठोस सुझाव देने का आग्रहः हरियाणा के उपमुख्यमंत्री.

देसाई का कहना है कि यह प्रतिक्रिया भ्रामक और अपूर्ण है. इसलिए उन्होंने इसके खिलाफ अपील दायर की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि परामर्श आयोजित किया गया था या नहीं और उसी के रिकॉर्ड/मिनट संजोकर रखे गए हैं या नहीं.

उन्होंने कहा, "जैसे कि सीपीआईओ के जवाब से प्रतीत होता है, किसानों और अन्य हितधारकों के साथ कोई विचार-विमर्श किए बिना देश की कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए इतने महत्वपूर्ण कानूनों को कैसे पारित किया जा सकता है."दिल्ली और आसपास के राज्यों में वर्तमान में बड़े पैमाने पर किसानों के आंदोलन को देखते हुए, उन्होंने कृषि विभाग से आग्रह किया है कि वे इस मामले में वास्तविक तथ्यों के साथ जल्द से जल्द सार्वजनिक हित में सामने आएं.

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