CAA Will Be Implemented in 7 Days: सात दिनों के अंदर देश में लागू हो जाएगा नागरिक संशोधन अधिनियम, बंगाल में बोले केंद्रीय मंत्री
लोकसभा चनाव से पहले नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) पर राजनीति फिर गर्मा गई है. केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि देश में अगले एक सप्ताह में नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाएगा.
नई दिल्ली: लोकसभा चनाव से पहले नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) पर राजनीति फिर गर्मा गई है. केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि देश में अगले एक सप्ताह में नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि देश में अगले एक सप्ताह में नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं मंच से ये गारंटी दे रहा हूं कि अगले 7 दिनों में सिर्फ बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश में सीएए लागू होगा. शांतनु ठाकुर दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में एक जनसभा में भाषण दे रहे थे .शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि देश में अगले एक सप्ताह में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाएगा. Rules for Citizenship Act Ready: लोकसभा चुनाव से पहले लागू होगा CAA? इन लोगों को मिलेगी नागरिकता.
इससे पहले दिसंबर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को 'देश का कानून' बताते हुए कहा था कि इसके लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है. अब शांतनु ठाकुर ने CAA के लागू होने को लेकर बड़ा दावा किया. उन्होंने सीएए को लेकर दिए बयान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बात दोहराई है.
लोकसभा चुनाव से पहले लागू होगा CAA?
रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले CAA को नोटिफाइड कर सकती है. गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस कानून के नियम-कायदों को जल्द ही लागू हो जाएगा. संभावना है कि जनवरी या फरवरी में सीएए के नियम लागू हो जाएंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार जल्द ही CAA के नियम लागू हो सकते हैं. केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले इस कानून को लेकर आ सकती है.
2019 में पारित हुआ था कानून
केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक को साल 2019 में विरोध के बाद मंजूरी दी थी. इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर मुस्लिमों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारत की नागरिकता दी जाएगी. बता दें कि दिसंबर 2019 में संसद से सीएए पारित किया गया था. कानून पारित होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे.