Budget 2023: सीएम भगवंत मान ने दी बड़ी प्रतिक्रिया, कहा- बजट में बीजेपी ने पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया
पंजाब के सीएम भगवंत मान (Photo Credits: Twitter)

चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने केंद्रीय बजट 2023-24 (Union Budget 2023-24) पर प्रतिक्रिया दी है. सीएम ने भाजपा (BJP) द्वारा पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को पंजाब विरोधी, जनविरोधी, किसान विरोधी और दिशाहीन बजट पेश करने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) की आलोचना की. सीएम ने एक बयान में कहा, यह शर्मनाक है कि केंद्र सरकार ने अपनी अदूरदर्शी मानसिकता से राज्य को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है, जिससे आजादी से पहले और बाद के युग में बहादुर और मेहनती पंजाबियों द्वारा किए गए अनगिनत बलिदानों का अपमान हुआ है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकर बहुत दुख हुआ कि पंजाब की सभी जायज मांगों की घोर उपेक्षा की गई और बजट में राज्य का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के बाद जब राज्य की झांकी को परेड से बाहर रखा गया था, यह पंजाब के योगदान को कम करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का दूसरा जानबूझकर किया गया प्रयास है. मान ने कहा, वह समझ नहीं पा रहे हैं कि भाजपा पंजाब के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है. Budget 2023: भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगाई ऊंची छलांग, पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी बना भारत

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य होने के नाते उन्होंने केंद्र से बीएसएफ और राज्य पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए एक हजार करोड़ रुपये की मांग की थी. उन्होंने कहा कि सीमा पार से विशेष रूप से हाई-टेक ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी से निपटने के लिए यह फंड आवश्यक है. हालांकि, मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए बजट आवंटित नहीं करके इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया, जिससे सीमावर्ती राज्य में सुरक्षा पूरी तरह से खतरे में पड़ गई.

मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि बजट ने मोदी सरकार के किसान विरोधी रुख की पोल खोल दी है. यह मौजूदा मोदी सरकार का आखिरी बजट है लेकिन गिरावट के दावों के बावजूद किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है. मान ने कहा कि सरकार भी किसानों को फसलों पर लाभकारी एमएसपी देने से भाग रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे धान की समस्या को हल करने के लिए केंद्र द्वारा किसानों को 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के साथ-साथ राज्य द्वारा समान अनुदान देने का मामला उठा रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में कुछ भी नहीं किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि बजट में अनुसूचित जनजाति को विभिन्न सुविधाएं दी गई हैं लेकिन अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के भाइयों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से स्क्रिप्टेड पेपर बजट है जो दिशाहीन और प्रतिगामी दोनों है.