जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष बने देश के पहले लोकपाल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी
इस समिति में कांग्रेस के सीनियर लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी शामिल था, लेकिन उन्होंने मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया था.
नई दिल्ली. जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष (Justice Pinaki Chandra Ghose) देश के पहले लोकपाल (Lokpal) बन गए हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष (Pinaki Chandra Ghose) को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया है. लोकपाल की सूची में 9 ज्यूडिशियल मेंबर भी हैं. साथ ही जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष (Justice PC Ghose) को चेयरपर्सन भी बनाया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने मंगलवार को औपचारिक तौर पर उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.
खबरों के अनुसार लोकपाल चयन समिति की बैठक में उनका नाम फाइनल किया गया था. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी शामिल थे.
इस समिति में कांग्रेस के सीनियर लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी शामिल था, लेकिन उन्होंने मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया था. यह भी पढ़े-देश के पहले लोकपाल होंगे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष: सूत्र
अन्ना आंदोलन से उठी थी मांग.
गौरतलब है कि लोकपाल की मांग को लेकर देश में 2012 में जोरदार राजनीतिक आंदोलन हुआ था. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare), दिल्ली के मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), पुदुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी (Kiran Bedi) समेत कई जानी मानी-हस्तियों ने देश में लोकपाल की नियुक्ति को लेकर तत्कालीन मनमोहन सरकार (Manmohan Singh Govt) के खिलाफ देश भर में विशाल राजनीतिक आंदोलन चलाया था.