MP Election Results 2023: मध्यप्रदेश में BJP की जीत ने सिंधिया को और ताकतवर बनाया, CM बनने के सवाल पर दिया ये जवाब
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के जबरदस्त प्रदर्शन से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मजबूत होंगे. उनके गढ़ - ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से भाजपा को मिला भारी समर्थन उनके राजनीतिक विरोधियों को जवाब है, जो दावा करते रहे हैं कि "सिंधिया में कोई प्रभाव नहीं है."
भोपाल, 3 दिसंबर : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के जबरदस्त प्रदर्शन से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मजबूत होंगे. उनके गढ़ - ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से भाजपा को मिला भारी समर्थन उनके राजनीतिक विरोधियों को जवाब है, जो दावा करते रहे हैं कि "सिंधिया में कोई प्रभाव नहीं है." चुनाव होने तक बीजेपी नेतृत्व का कहना था कि 2018 में सिंधिया की वजह से ही कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल में सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं लेकिन, कांग्रेस नेतृत्व का दावा है कि सिंधिया का अपने क्षेत्र में कोई प्रभाव नहीं है.
News18 ने मध्य प्रदेश बीजेपी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब यह पूछा कि क्या वह मध्य प्रदेश (MP) के नए सीएम बन सकते हैं, तो उनका कहना था, 'बीजेपी की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा को जाता है, मैं बीजेपी का एक साधारण कार्यकर्ता हूं. मैंने हमेशा से कहा है कि बेहतर नीतियों की वजह से मध्य प्रदेश में लोगों ने केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली डबल इंजन सरकार को अपना आशीवार्द दिया है.'
कांग्रेस की 2018 की जीत का एक बड़ा कारण सिंधिया के गढ़ चंबल-ग्वालियर क्षेत्र में उसका प्रदर्शन था. पार्टी ने 34 में से 26 सीटें जीतीं; 2013 में 12 और 2008 में 13 सीटें, जबकि बीजेपी को 20 और 16 सीटें मिलीं. मार्च 2020 में सिंधिया के भाजपा में चले जाने से कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई और इस "विश्वासघात" के लिए सबसे पुरानी पार्टी ने उन्हें "गद्दार" कहा. चम्बल-ग्वालियर क्षेत्र में आठ जिले हैं. इनमें से पांच - ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, अशोकनगर और गुना - ग्वालियर क्षेत्र में हैं, और तीन - मुरैना, भिंड और श्योपुर - चंबल क्षेत्र में हैं.
सिंधिया के भाजपा खेमे में मजबूती से शामिल होने से भगवा पार्टी ग्वालियर में लगभग क्लीन स्वीप करने की राह पर है. भाजपा के ग्वालियर (ग्रामीण) सीट पर कब्जा बनाए रखने और ग्वालियर (पूर्व) और ग्वालियर (दक्षिण), साथ ही ग्वालियर शहर और भितरवार पर पलटवार करने की संभावना है. सिर्फ डबरा ही कांग्रेस के पास रहेगी ऐसा लग रहा है.
राज्य में शानदार प्रदर्शन से सिंधिया के समर्थक उन्हें सीएम की कुर्सी पर देखना चाहते हैं. हालांकि, उन्होंने कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं. अगर सिंधिया मुख्यमंत्री बनते हैं, तो यह उनकी पार्टी के पुराने सहयोगियों और कांग्रेस के दो दिग्गजों कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को करारा जवाब होगा.