पटना, 20 दिसम्बर : बिहार विधानमंडल सत्र (Bihar Legislature Session) के पांच दिन के शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बाद भाजपा ने सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर मंगलवार को जमकर सियासी हमला बोला है. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने घोषणा करते हुए कहा कि बुधवार को विधानमंडल परिसर में भाजपा के विधायक और विधान पार्षद धरना पर बैठेंगे. द्वय नेताओं ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और कई मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधा.
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पिछले दिनों बिहार में हुए शराब से मौत राज्य सरकार को मुआवजा देना होगा. उन्होंने कहा कि गरीबों की आवाज हम उठाएंगे. भाजपा शराब से हुई मौत वाले परिजनों को मुआवजा दिला के रहेगी. उन्होंने सरकार पर विधायिका को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार राष्ट्रीय एकता को विखंडित करने का कोशिश कर रही है. सिन्हा ने विधानसभाध्यक्ष की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वे शीतकालीन सत्र में अध्यक्ष कम और सरकार के प्रवक्ता की भूमिका में ज्यादा नजर आये. उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में अध्यक्ष ने इतने हंगामे के बाद भी कार्यमंत्रणा की बैठक नहीं बुलाई. यह भी पढ़ें : गोवा: मंत्री न बनाये जाने पर ‘दलबदलू’ विधायकों के बीच असंतोष की खबरों से भाजपा का इनकार
उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों के विरोध में बुधवार को भाजपा के विधायक और विधान पार्षद विधानमंडल परिसर में धरना पर बैठेंगे. संवाददाता सम्मेलन में विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि वर्ष 2016 में राज्य में शराबबंदी लागू की गई है. तब से अब तक इस मामले में करीब 4 लाख मामले दर्ज किए और करीब 4 लाख 50 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसमें से लगभग 1300 लोगों को दोषी पाते हुए अदालत द्वारा सजा सुनाई गई. उन्होंने कहा कि इनमें से मात्र 83 लोग ऐसे हैं जो शराब आपूर्तिकर्ता है.
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की शराबबंदी कानून का फलसफा मात्र इतना है कि छह साल में 83 शराब आपूर्तिकर्ताओं को सजा. उन्होंने एक निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन की चर्चा करते हुए कहा कि स्टिंग में राजद के एमएलसी खुद बता रहे हैं कि उपमुख्यमंत्री शराब का सेवन करते हैं. अब मुख्यमंत्री को इससे बड़ा सबूत क्या मिलेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा कि कब वे उपमुख्यमंत्री पर कार्रवाई करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जिन नेताओं से घिरे रहते हैं कि उनके रक्त की जांच की जाए तो साफ हो जाएगा कि बिहार में नशाबंदी की क्या स्थिति है.