पटना: एमएलए-एमएलसी के खिलाफ मामलों की विशेष अदालत ने सोमवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव (Sadhu Yadav) को 2001 के मारपीट मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई. एमएलए-एमएलसी अदालत ने उन्हें भारतीय दंड की धारा 347 (घृणित कारावास), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 448 (घर-अतिचार), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया. उन पर पटना में राज्य परिवहन विभाग के कार्यालय में घुसने और वहां के अधिकारियों के साथ बदसलूकी करने का आरोप है.
साथ ही उन पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना नहीं भरने पर जेल की अवधि एक माह और बढ़ा दी जाएगी. साधु यादव के वकील ने कहा कि वह अस्थायी जमानत हासिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं और उसी के लिए एक याचिका दायर की है. यह भी पढ़े: Fodder Scam: राजद सुप्रीमो लालू यादव को चारा घोटाला के पांचवें मामले में मिली 5 साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना
जब लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थे, उस समय बिहार की सरकार में साधु यादव की मजबूत पकड़ थी। जब 2005 में राजद की सरकार थी, तो उनकी बहन राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव के साथ उनके संबंधों में खटास आ गई थी। उन्होंने हाल ही में अपने भांजे तेजस्वी यादव को उनके अंतर-सामुदायिक विवाह को लेकर फटकार लगाई थी.
साधु यादव गोपालगंज के सांसद थे और एक विधायक और एक एमएलसी के रूप में भी काम कर चुके हैं.