पटना: रांची स्थित सीबीआई (CBI) की स्पेशल कोर्ट ने डोरंडा ट्रेजरी से 139.5 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को 5 साल कैद की सजा सुनाई है और उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है. यह चारा घोटाले (Fodder Scam Case) से जुड़ा पांचवां मुकदमा है, जिसमें अदालत ने राजद (RJD) सुप्रीमो को पिछले हफ्ते ही दोषी माना था. इसके पहले चारा घोटाले के चार मुकदमों में अदालत ने लालू प्रसाद यादव को कुल मिलाकर साढ़े 27 साल की सजा दी है, जबकि एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी उन्हें भरना पड़ा. चारा घोटाला : डोरंडा गबन मामले में लालू प्रसाद सहित 38 की सजा पर बहस पूरी
बहुचर्चित चारा घोटाले के इस पांचवें मामले में रांची के डोरंडा थाने में वर्ष 1996 में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बाद में सीबीआई ने यह केस टेकओवर कर लिया. मुकदमा संख्या आरसी-47 ए/96 में शुरूआत में कुल 170 लोग आरोपी थे. इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया. दो आरोपियों ने अदालत का फैसला आने के पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया. छह आरोपी आज तक फरार हैं.
इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में अभियोजन की ओर से कुल 575 लोगों की गवाही कराई गई, जबकि बचाव पक्ष की तरफ से 25 गवाह पेश किये गये. इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कुल 15 ट्रंक दस्तावेज अदालत में पेश किये थे.
Fifth fodder scam case | CBI court in Ranchi sentences RJD leader Lalu Prasad Yadav to 5 years' imprisonment and imposes Rs 60 Lakh fine on him. pic.twitter.com/413701Rt5W
— ANI (@ANI) February 21, 2022
पशुपालन विभाग में हुए इस घोटाले में सांढ़, भैस, गाय, बछिया, बकरी और भेड़ आदि पशुओं और उनके लिए चारे की फर्जी तरीके से ट्रांसपोटिर्ंग के नाम पर करोड़ों रुपये की अवैध रूप से निकासी की गयी. जिन गाड़ियों से पशुओं और उनके चारे की ट्रांसपोटिर्ंग का ब्योरा सरकारी दस्तावेज में दर्ज किया था, जांच के दौरान उन्हें फर्जी पाया गया. जिन गाड़ियों से पशुओं को ढोने की बात कही गयी थी, उन गाड़ियों के नंबर स्कूटर, मोपेड, मोटरसाइकिल के निकले.
चारा घोटाले के ये मामले 1990 से 1996 के बीच के हैं. बिहार के सीएजी (मुख्य लेखा परीक्षक) ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को समय-समय पर भेजी थी लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया. सीबीआई ने अदालत में इस आरोप के पक्ष में दस्तावेज पेश किये कि मुख्यमंत्री पर रहे लालू यादव ने पूरे मामले की जानकारी रहते हुए भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. कई साल तक वह खुद ही राज्य के वित्त मंत्री भी थे, और उनकी मंजूरी पर ही फर्जी बिलों के आधार राशि की निकासी की गयी. चारा घोटाले के चार मामलों में सजा होने के चलते राजद सुप्रीमो को आधा दर्जन से भी ज्यादा बार जेल जाना पड़ा. इन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है. किडनी रोग और डायबिटिज सहित कई बीमारियों से जूझ रहे 73 वर्षीय लालू अभी राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में हिरासत में है.