बिहार: डॉक्यूमेंट्री 'काली' के पोस्टर को लेकर बढ़ा विवाद, मुजफ्फरपुर की अदालत में परिवाद पत्र दायर

डॉक्यूमेंट्री (वृत्तचित्र) फिल्म 'काली' के पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री 'काली' को लेकर एक परिवाद पत्र दायर किया गया है.

प्राथमिकी दर्ज (File Photo)

मुजफ्फरपुर, 5 जुलाई : डॉक्यूमेंट्री (वृत्तचित्र) फिल्म 'काली' के पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री 'काली' को लेकर एक परिवाद पत्र दायर किया गया है. परिवाद पत्र में एक साजिश के तहत धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचाने का आरोप लगाया गया है. मुजफ्फरपुर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में वकील सुधीर कुमार ओझा ने डॉक्यूमेंट्री को लेकर परिवाद पत्र दाखिल किया है. परिवाद पत्र में फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई, एसोसिएट प्रोडयूसर आशा, श्रवण सहित सभी कलाकारों को आरोपी बनाया गया है.

झा द्वारा भादवि की धारा 295, 297, 298 और 504 के तहत दर्ज परिवाद में कहा गया है कि इससे हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है. झा ने कहा, "विदेश में बैठकर इस फिल्म को बनाया और विभिन्न सोशल साइट के जरिए जारी किया गया है. इस फिल्म के पोस्टर में मां काली को बीड़ी और सिगरेट पीते दिखलाया गया है. यह एक साजिश के तहत हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला और आहत करने वाला कृत्य है." यह भी पढ़ें : सेवा विभाग से विधायकों के सवाल का जवाब न मिलने के मामले की जांच के लिये दिल्ली विस ने बनाई समिति

उन्होंने कहा कि अदालत से निर्माता, निर्देशक और फिल्म के लेखक के विरुद्ध कानूनी कारवाई की मांग की गई है. उन्होंने पोस्टर और ट्रेलर पर भी रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि अदालत ने परिवाद पत्र को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई के लिए 16 जुलाई की तिथि निर्धारित की है.

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