भोपाल: कमलनाथ सोमवार को मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. वह अकेले शपथ लेगें. प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी. भोपाल के जम्बूरी मैदान में 17 दिसंबर को डेढ़ बजे होने वाले शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित यूपीए के कई दिग्गज नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है. समारोह से पहले सर्वधर्म प्रार्थना होगी.मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल प्रभारी शोभा ओझा ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘कमलनाथ जी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कल दोपहर डेढ़ बजे यहां जंबूरी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.’
कहा कि कमलनाथ को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने के बाद जब राज्यपाल आनंदीबेन वहां से रवाना हो जाएगी, तो उसके बाद राहुल एवं कमलनाथ वहां मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे।उधर, क्या आप मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों के साथ अथवा अकेले शपथ ग्रहण करेगें के सवाल पर कमलनाथ ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि "वह अकेले शपथ लेगें". इसका मतलब मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद रखने वाले विधायकों को फिलहाल कुछ दिन और इंतजार करना होगा.शोभा ने बताया कि राहुल गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, द्रमुक नेता एम के स्टालिन एवं एम के कनिमोझी इस शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे।उन्होंने कहा कि इनके अलावा कई अन्य नेताओं के आने की संभावना है. यह भी पढ़े: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस खत्म, राहुल गांधी ने लागाई भूपेश बघेल के नाम पर मुहर
शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए कमलनाथ ने इन नेताओं के अलावा यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू, बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को न्योता भेजा है। साथ ही कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों सहित अनेक प्रमुख नेताओं, देश के प्रमुख उद्योगपतियों और साधु संतों को भी आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि, अब तक उनके आने की पुष्टि नहीं हुई है. यह भी पढ़े: इन 5 कारणों से आप भी समझ जाएंगे क्यों राहुल गांधी की कसौटी पर खरे उतरे भूपेश बघेल, जो संभालेंगे छत्तीसगढ़ की कमान
जम्बूरी मैदान में शपथ ग्रहण का भव्य समारोह आयोजित करने की पिछले दो दिन से तैयारियां की जा रही हैं. मालूम हो कि कमलनाथ के पहले भाजपा के शिवराज सिंह चौहान ने भी इसी मैदान पर तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था और 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं.यह संख्या साधारण बहुमत, 116 सीट, से दो कम है। हालांकि बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। जिससे कांग्रेस को फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं.