Bharat Bandh: किसानों के भारत बंद आह्वान पर पुलिस का पहरा सख्त, नेशनल हाइवे 9 पर तैनात जवान
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को 4 महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है. इस दौरान गाजीपुर बॉर्डर स्थित नेशनल हाइवे 9 पर पुलिस प्रशासन द्वारा सख्त पहरा लगा दिया है.
गाजीपुर बॉर्डर, 26 मार्च : कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को 4 महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा (United peasant front) ने सरकार के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है. इस दौरान गाजीपुर बॉर्डर स्थित नेशनल हाइवे 9 पर पुलिस प्रशासन द्वारा सख्त पहरा लगा दिया है. हालांकि कुछ दिन पहले ही इस सड़क को पुलिस प्रशासन द्वारा खोला गया था और दिल्ली की ओर से गाजियाबाद-मेरठ (Ghaziabad-Meerut) जाने वाले लोग यहां से जा सकते थे. लेकिन किसानों ने सुबह ही नेशनल हाइवे यानी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे को ब्लॉक कर दिया, जिसके चलते हाइवे पर सीआईएसएफ, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और पैरामिल्रिटी फोर्सेस (Paramilitary forces) के जवान तैनात नजर आए. हाइवे पर पुलिस प्रशासन द्वारा बेरीकेट के अलावा वॉटर कैनन की गाड़िया भी लगाई गई हैं. दरअसल, ये भारत बंद सुबह 6 से शाम 6 बजे तक किया जाएगा. पूर्ण भारत बंद के तहत सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद रहेंगे.
मोर्चा किसानों ने यह भी साफ कह दिया है कि छोटी व बड़ी सड़कें और ट्रेनें भी जाम की जाएंगी. एम्बुलेंस व अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी. दिल्ली के अंदर भी भारत बंद का प्रभाव रहेगा. सयुंक्त किसान मोर्चा के अनुसार, इस आह्वान पर देश के तमाम किसान संगठनों, मजदूर संगठनों, छात्र संगठनों, बार संघ, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने बंद का समर्थन किया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद पर मांग रखते हुए कहा है, "पहला तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाए, दूसरा एमएसपी व खरीद पर कानून बने, तीसरा किसानों पर किए सभी पुलिस केस रद्द हो, चौथा बिजली बिल और प्रदूषण बिल वापस हो और डीजल, पेट्रोल और गैस की कीमतें कम किये जाए." यह भी पढ़ें : Bharat Bandh: पंजाब, हरियाणा में भारत बंद का अच्छा खासा असर
मोर्चा ने सभी प्रदर्शनकारी नागरिकों से अपील करते हुए कहा है, "शांत रहते हुए इस बंद को सफल बनायें. किसी भी प्रकार की नाजायज बहस में न उलझें. यह किसानों के सब्र का ही परिणाम है कि आन्दोलन इतना लम्बा चला है और हमें निरन्तर सफलताएं मिल रही हैं. दरअसल, तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं .