Pigeons Give You Deadly Lungs: सावधान! जानलेवा बीमारी फैला रहे हैं कबूतर, महिला को कराना पड़ा फेफड़े का ट्रांसप्लांट

बीमारी का खतरा उन लोगों को ज्यादा है जो कबूतरों के मल और पंखों के आस-पास रहते हैं और उनके सीधे संपर्क में आते हैं. एक महिला को कबूतरों चलते फेफड़े का प्रत्यारोपण करवाना पड़ा.

Beware of Pigeon Droppings:  कबूतरों के करीब रहने पर आपको कई जानलेवा बीमारियां (Diseases Caused by Pigeon) हो सकती हैं. कबूतरों के मल और पंख की वजह से आपके फेफड़े खराब हो सके हैं. नवंबर 2023 में, 53 वर्षीय एक महिला को कबूतरों के मल के संपर्क में आने के कारण हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनिटिस नामक जानलेवा बिमारी हो गई, जिसके होने के बाद उन्हें फेफड़े का प्रत्यारोपण करवाना पड़ा.

जहां पर भी ज़्यादा कबूतर होते हैं, वहां पर एक अजीब सी दुर्गन्ध होती है. ये कबूतर उन्हीं जगहों पर बैठना पसंद करते हैं, जहां पर इन्होंने बीट की हो. जब ये बीट सूख जाती है तो पाउडर का रूप ले लेती है, और जब ये पंख फड़फड़ाते हैं तो बीट का पाउडर सांसों के ज़रिए हमारे भीतर पहुंच जाता है. इसी से फेफड़े की भयंकर बीमारी होती है. ये भी पढ़ें- 17 Crore Injection To Save Life: 17 करोड़ की लाइफ सेविंग इंजेक्शन लगाकर बचाई गई गंभीर जेनेटिक बीमारी से पीड़ित 15 महीने की बच्ची की जान

बीमारी का खतरा उन लोगों को ज्यादा है जो कबूतरों के मल और पंखों के आस-पास रहते हैं और उनके सीधे संपर्क में आते हैं. पंख और मल से फैलने वाले बैक्टीरिया सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचते हैं. इसक बाद ये एंटीजन शरीर में इम्यूनोलॉजिकल रिएक्शन पैदा करते है जिसका सीधा असर फेफड़ों पर होता है. इससे फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचता है.

रिसर्च के मुताबिक, एक कबूतर एक साल में 11.5 किलो बीट करता है. बीट सूखने के बाद उसमें परजीवी पनपने लगते हैं. बीट में पैदा होने वाले परजीवी हवा में घुलकर संक्रमण फैलाते हैं. हाइपर सेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस बेहद ख़तरनाक होती है, यह वेरियस स्टेजेस में आता है, अगर एक्यूट हो तो सांस लेने में बहुत परेशानी हो सकती है, खांसी हो सकती है, ऑक्सीजन ड्रॉप हो सकती है, जोड़ों में दर्द हो सकता है.

तकनीकी तौर पर इन बीमारियों को हिस्टोप्लाज़मिस, क्रिप्टोकोकोसिस, सिटाकोसिस, साल्मोनेला और लिस्टिरिया के नाम से जाना जाता है. इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में बड़े हल्के होते हैं, खांसी का आना, सूखी खांसी का आना, और थोड़ा सांस का फूलना, धीरे धीरे वजन कम होना, हल्का बुखार और शरीर में दर्द होता है. इसको चेक करने के लिए ब्लड टेस्ट कराया जाता हैं.

Share Now

\