Bengal School Job Case: वंचित महिला अभ्यर्थी ने सिर मुंडवाकर किया विरोध प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल नौकरी मामले के खिलाफ मध्य कोलकाता में सड़कों पर अपने आंदोलन के 100वें दिन के पूरा होने पर, एक योग्य महिला उम्मीदवार ने शनिवार दोपहर को अपना सिर मुंडवाकर विरोध का एक अनोखा तरीका अपनाया.

Photo Credit - IANS

कोलकाता, 9 दिसंबर : पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल नौकरी मामले के खिलाफ मध्य कोलकाता में सड़कों पर अपने आंदोलन के 100वें दिन के पूरा होने पर, एक योग्य महिला उम्मीदवार ने शनिवार दोपहर को अपना सिर मुंडवाकर विरोध का एक अनोखा तरीका अपनाया. नकदी के बदले अयोग्य लोगों के लिए जगह बनाने के लिए हजारों योग्य उम्मीदवारों को उनकी वैध नौकरियों से वंचित किए जाने के विरोध में उन्होंने मध्य कोलकाता के व्यस्त एस्प्लेनेड क्रॉसिंग पर सार्वजनिक रूप से अपना सिर मुंडवाया.

रासमणि पात्रा अपना सिर मुंडवाते समय रो पड़ीं और उन्होंने राज्य के सभी राजनीतिक दलों से उनकी वैध नौकरियों को सुनिश्चित करके उनके मुद्दे को उठाने का आह्वान किया. उन्होंने सिसकते हुए कहा, "मैं सभी से राजनीतिक दायरे से बाहर निकलने और हमारी समस्याओं का समाधान करने की अपील करती हूं. कृपया हमें हमारी वैध नौकरियां दिलाएं." पात्रा ने कहा कि अभी तो उन्होंने अपने बालों का बलिदान दिया है लेकिन आगे चलकर उनके जैसे कई लोगों को अपने जीवन का बलिदान देना पड़ सकता है. उन्होंने कहा, "शायद हमारे जीवन का बलिदान सरकार के लिए आंखें खोलने वाला होगा." यह भी पढ़े:  भ्रष्टाचार और घोटालों में ही रिकॉर्ड बनाते हैं कांग्रेसी, धीरज साहू किसके एटीम थे?- मीनाक्षी लेखी

इस घटनाक्रम पर तृणमूल कांग्रेस नेता और तीन बार पार्टी के लोकसभा सदस्य सौगत रॉय ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सवाल किया, ''कैसा नाटक चल रहा है.'' बता दें कि रॉय खुद कलकत्ता विश्वविद्यालय के तहत दक्षिण कोलकाता के कथित कॉलेजों में से एक में भौतिकी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं. उनकी इस टिप्पणी की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है. भाजपा नेता और कोलकाता नगर निगम में पार्टी पार्षद सजल घोष ने कहा,

"सौगत रॉय ने मानवता और शर्म की अपनी मूल भावना खो दी है, जो इस तरह की टिप्पणी से स्पष्ट है." माकपा के राज्यसभा सदस्य और कलकत्ता हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील बिकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि जो लोग प्रदर्शनकारियों का उपहास कर रहे हैं वे वास्तव में स्कूली नौकरियों में भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं. उन्होंने कहा, "राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल शुरू से ही भ्रष्टाचार को बचाने में सक्रिय रहे हैं."

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