नई दिल्ली, 28 अप्रैल : भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले पर बीबीसी की रिपोर्टिंग पर आपत्ति जताई है. सरकार ने एक पत्र लिखकर संस्थान को भारत के लोगों की भावनाओं से अवगत कराया है. सरकार ने बीबीसी वेबसाइट में 'पाकिस्तान सस्पेंड वीजा फॉर इंडियंस आफ्टर डेडली कश्मीर अटैक (पाकिस्तान ने कश्मीर में घातक हमले के बाद भारतीयों के लिए वीजा निलंबित किया)' शीर्षक से छपी खबर के बारे में चेतावनी दी.
बीबीसी ने अपनी रिपोर्टिंग में जम्मू कश्मीर को 'भारत प्रशासित कश्मीर' बताया जबकि उसे भारत के अभिन्न अंग के तौर पर वर्णित नहीं किया. रिपोर्ट में आतंकवादी हमले को 'चरमपंथी हमला' बताया जिसे बंदूकधारियों ने अंजाम दिया. इसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए भी चरमपंथी संगठन लिखा गया. बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया, "भारत प्रशासित कश्मीर में पुलिस का कहना है कि तीनों संदिग्ध पाकिस्तान स्थित चरमपंथी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सदस्य हैं. इनमें से किसी ने भी आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है." यह भी पढ़ें : हैदराबाद विवि के निकट जमीन की एआई तस्वीर नौकरशाहों के बीच साझा करने वाली अधिकारी का तबादला
कई सोशल मीडिया यूजर का कहना है बीबीसी का शीर्षक भ्रामक है, जिससे ऐसा आभास होता है कि 'भारत ने पर्यटकों को मार डाला.' सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय के विदेश प्रचार विभाग ने बीबीसी के भारत प्रमुख जैकी मार्टिन को देश की 'भावनाओं' से अवगत कराया. बीबीसी की तरफ से आतंकवादियों को 'चरमपंथी' बताए जाने पर आपत्ति जताते हुए एक औपचारिक पत्र भेजा गया. सरकार बीबीसी की कवरेज पर नजर रखना जारी रखेगी.
आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं. हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. मृतकों में एक नेपाली नागरिक भी शामिल है.
इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली, जो प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है.
पहलगाम आतंकी हमले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुख और आक्रोश को जन्म दिया. विश्व नेताओं ने एक आवाज में आतंकी हमले की निंदा की और आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े होने की अपील की. तमाम राष्ट्राध्यक्षों ने हमले की आलोचना की और पीएम मोदी से फोन पर इस बारे में चर्चा भी की. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी हमले की निंदा करते हुए इसे 'बेहद विनाशकारी' बताया. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में स्टारमर ने कहा, "कश्मीर में हुआ भयानक आतंकवादी हमला बेहद विनाशकारी है. मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों, उनके प्रियजनों और भारत के लोगों के साथ हैं."
इस बीच अमेरिकी सरकार ने भी हाल ही में एक प्रमुख अमेरिकी मीडिया संगठन की पहलगाम आतंकवादी हमले की कवरेज की आलोचना की. अमेरिकी हाउस के विदेश मामलों की समिति ने 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' (एनवाईटी) की तीखी आलोचना की. रिपोर्ट में 'आतंकवादी' के बजाय 'चरमपंथी' और 'बंदूकधारी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में समिति ने अखबार में इस्तेमाल किए गए शब्दों की निंदा की.
समिति ने मूल शीर्षक की एक तस्वीर साझा की. मूल शीर्षक था- 'कश्मीर में चरमपंथियों ने कम से कम 24 पर्यटकों को गोली मार दी.' समिति की पोस्ट में 'चरमपंथियों' शब्द को लाल रंग से काटकर उस पर 'आतंकवादियों' लिखा गया था. अमेरिकी समिति ने 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' को टैग करते हुए लिखा, "हमने इसे आपके लिए ठीक कर दिया है. यह स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था. चाहे वह भारत हो या इजरायल, जब आतंकवाद की बात आती है तो एनवाईटी वास्तविकता से दूर हो जाता है."













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