जम्मू और कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) जिले सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायुसेना (IAF) की तरफ से पाकिस्तान के बालाकोट (Balakot) में की गई एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमला बोल रहे हैं. इस बीच पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएक जवानों के परिजनों ने भी आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप पर किए गए हमले पर सवाल खड़ा किया है. हमले में शहीद हुए उत्तर प्रदेश के मैनपुरी (Mainpuri) जिले के राम वकील की मां का कहना है कि वो आतंकवादियों पर किए गए हमलों और उनके मारे जाने की बात तब तक नहीं मानेंगी जब तक सरकार उनको आतंकवादियों के मारे जाने का सबूत नहीं दिखाती.
शहीद राम वकील की मां की उम्र करीब 80 साल है. शहीद की मां ने कहा कि मेरे बेट राम वकील ने तो अपनी शहादत दे दी. देश को और उनके परिवार को उन पर गर्व है. दूसरी तर उनके परिवार वालों को यह विश्वास करना मुश्किल हो रहा है कि शहीद रामवकील की शहादत का बदला ले लिया गया है. शहीद की बहन ने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक करने का दावा किया है जिसमें 250 से 300 आतंकवादियों के मारे जाने की बात सामने आ रही है. लेकिन हमें तब तक इस पर भरोसा नहीं होगा जब तक आतंकियों की लाश या उनके मारे जाने का सबूत सामने नहीं आते. उन्होंने कहा कि जिस तरह हम लोगों ने पुलवामा में आतंकी हमले के बाद शहीदों का शव देखा है उसी तरह उन आतंकियों के शव को भी सरकार को दिखाना चाहिए.
वहीं, पुलवामा हमले में शहीद हुए उत्तर प्रदेश के शामली के प्रदीप कुमार की मां ने भी सबूत दिखाए जाने की बात कही. शहीद प्रदीप की मां का कहना है कि हम संतुष्ट नहीं हैं. हमनें किसी आतंकी को मरा हुआ नहीं देखा. हमें आतंकियों के शवों को देखना है. यह भी पढ़ें- अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पर सुरक्षित रखा फैसला
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के हवाई हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या 250 बताने वाले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के दावे पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए जानना चाहा कि ऐसी अति गोपनीय सूचना उन तक कैसे पहुंची. कांग्रेस के अलावा तमाम राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर लगातार हमला बोल रही है.