अयोध्या विवाद: मध्यस्थता पैनल ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में सौंपी स्टेटस रिपोर्ट
अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में गठित मध्यस्थता पैनल ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है. मध्यस्थता पैनल ने यह स्टेटस रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है. अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ 2 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगी.
अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid Land Dispute Case) मामले में गठित मध्यस्थता पैनल (Mediation Panel) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है. मध्यस्थता पैनल ने यह स्टेटस रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे (Sealed Cover) में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है. अब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ 2 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगी.
अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कल यानी शुक्रवार को सुनवाई करेगा और फाइनल रिपोर्ट देखने के बाद रोजाना सुनवाई की जानी है या नहीं, इस पर फैसला करेगा. बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ में न्यायमूर्ति एस. के. बोबडे, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर शामिल हैं. यह भी पढ़ें- अयोध्या राम जन्मभूमि मामला: कोर्ट ने मध्यस्थता प्रक्रिया जारी रखने की दी अनुमति, 1 अगस्त तक मांगी रिपोर्ट
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एफ.एम.आई. कलीफुल्ला को अयोध्या विवाद की मध्यस्थता के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. मध्यस्थता समिति के अन्य सदस्यों में आध्यात्मिक गुरू और आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता व मध्यस्थता विशेषज्ञ श्रीराम पांचू शामिल हैं.