Auto Taxi Drivers Strike in Delhi: दिल्ली NCR में आज ऑटो-टैक्सी ड्राइवरों की हड़ताल, जानें क्या है यूनियन की मांग
राजधानी दिल्ली में आज ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों की दो दिवसीय हड़ताल के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
राजधानी दिल्ली में आज ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों की दो दिवसीय हड़ताल के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, दिल्ली-एनसीआर के ऑटो और टैक्सी ड्राइवर यूनियनों ने आज से हड़ताल का ऐलान किया है, जो ऐप-आधारित कैब सेवाओं के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ है, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है.
इस हड़ताल में दिल्ली-एनसीआर की 15 से अधिक यूनियनें शामिल हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, हड़ताल के कारण चार लाख टैक्सियां सड़कों पर नहीं चलेंगी. इसके साथ ही, ऑटो, टैक्सी और ऐप-आधारित कैब सेवाएं इस हड़ताल से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं.
सभी ऑटो-टैक्सी संगठनों के अधिकारी अपनी मांगों के साथ आज जंतर मंतर पर धरने पर बैठेंगे. इस प्रदर्शन के लिए दिल्ली पुलिस से अनुमति मिल गई है.
दिल्ली-एनसीआर के 15 प्रमुख ऑटो-टैक्सी यूनियनों, जिनमें टैक्सी चालक सेना यूनियन, दिल्ली ऑटो ट्राइसाइकिल ड्राइवर यूनियन, राजधानी टूरिस्ट ड्राइवर यूनियन शामिल हैं, ने दो दिवसीय संयुक्त हड़ताल की घोषणा की है. इस हड़ताल में एक लाख ऑटो और चार लाख टैक्सियों में से अधिकांश कैब नहीं चलेंगी. साथ ही, हड़ताली लोग 22 अगस्त को जंतर मंतर पर भी विरोध प्रदर्शन करेंगे.
ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है कि ऐप-आधारित कैब सेवाओं के कारण ऑटो-टैक्सी ड्राइवरों को भारी नुकसान हो रहा है. वहीं, उन्होंने दावा किया कि ऐप कंपनियां कैब ड्राइवरों से भारी कमीशन वसूल रही हैं.
गंभीर आरोप लगाते हुए किशन वर्मा का कहना है कि परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत से अवैध रूप से चल रही बाइक टैक्सी और ई-रिक्शा के कारण टैक्सी ड्राइवरों की रोजगार भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मनमानी को रोकने में असफल रही है, इसलिए हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
किशन वर्मा ने कहा, "कई वर्षों से हम सरकारों और विभागों को ऐप-आधारित कंपनियों के बारे में लिख रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती. ये कंपनियां अपनी बात सामने रखती हैं, और सरकार अपनी, लेकिन ये कारोबार दान के खेल की तरह संचालित होते हैं, जिसमें सरकार भी शामिल है. हम इस खेल को समाप्त करने की मांग करते हैं. ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों के रोजगार, जो प्रभावित हो रहे हैं या छिन रहे हैं, का समाधान किया जाना चाहिए."
इस हड़ताल से दिल्ली के निवासियों को भारी असुविधा हो सकती है, क्योंकि परिवहन के प्रमुख साधन प्रभावित होंगे. लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा की योजनाओं को हड़ताल को ध्यान में रखते हुए तैयार करें.