जेब में रखे चाकू और बालों की क्लिप से फौजी डॉक्टर ने कराई डिलीवरी, झांसी रेलवे स्टेशन पर गूंजी किलकारी

झांसी, उत्तर प्रदेश: शनिवार को वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन एक अप्रत्याशित घटना का गवाह बना. यहां एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और फिर एक फौजी डॉक्टर ने अपनी सूझबूझ और रोजमर्रा की चीजों से एक सफल डिलीवरी करा दी.

क्या है पूरा मामला?

एक महिला अपने पति और बच्चे के साथ पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 15066) में पनवेल से बाराबंकी जा रही थी. सफर के दौरान ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. उसके पति ने तुरंत रेलवे की हेल्पलाइन 'रेल मदद' ऐप पर मदद के लिए संपर्क किया.

सूचना मिलते ही झांसी रेलवे स्टेशन पर रेलवे कर्मचारी हरकत में आ गए. ट्रेन जैसे ही स्टेशन पर पहुंची, महिला को उतार लिया गया.

फरिश्ता बनकर आए मेजर रोहित

उसी समय, हैदराबाद जाने वाली अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे 31 वर्षीय मेजर रोहित बचवाला ने महिला को दर्द से कराहते हुए देखा. पेशे से डॉक्टर मेजर रोहित बिना एक पल सोचे मदद के लिए आगे बढ़े.

फुटओवर ब्रिज पर जब एक महिला टीटीई गर्भवती महिला को व्हीलचेयर पर ले जा रही थी, तभी महिला का दर्द बहुत बढ़ गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मेजर रोहित ने तुरंत फैसला लिया. रेलवे की महिला कर्मचारियों ने चादर और धोती से उस जगह को पर्दे की तरह घेर लिया.

चाकू और हेयर क्लिप से बचाई जान

हैरानी की बात यह है कि इस मुश्किल घड़ी में मेजर रोहित के पास कोई मेडिकल उपकरण नहीं थे. उन्होंने अपनी जेब में रखे एक छोटे चाकू (पॉकेट नाइफ) और बालों में लगाने वाली क्लिप का इस्तेमाल करते हुए महिला की डिलीवरी कराई. रेलवे स्टाफ ने उन्हें दस्ताने भी मुहैया कराए ताकि प्रक्रिया सुरक्षित रहे.

कुछ ही देर में स्टेशन पर एक स्वस्थ बच्चे की किलकारी गूंज उठी. सफल डिलीवरी के बाद, माँ और नवजात शिशु दोनों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है.

मेजर रोहित ने बाद में बताया, "माँ और बच्चा दोनों डिलीवरी के बाद स्थिर थे. उन्हें आगे की देखभाल के लिए एम्बुलेंस से अस्पताल भेज दिया गया."

सेना और रेलवे ने की सराहना

भारतीय सेना ने मेजर रोहित के इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की. सेना ने कहा, "झांसी के मिलिट्री हॉस्पिटल के एक सैन्य डॉक्टर, मेजर रोहित ने आज झांसी रेलवे स्टेशन पर सफलतापूर्वक बच्चे का जन्म कराया. डॉक्टर ने न्यूनतम संसाधनों का उपयोग करते हुए सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया."

झांसी मंडल के उत्तर मध्य रेलवे ने भी एक बयान में कहा कि 'रेल मदद' पर सूचना मिलते ही नियंत्रण कक्ष को सक्रिय कर दिया गया था और मेडिकल टीम तैयार थी. रेलवे मेडिकल टीम और टिकट चेकिंग स्टाफ ने महिला यात्री की तुरंत सहायता की.

मेजर रोहित के पिता भी भारतीय वायु सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय सेना के जवान सिर्फ सीमा पर ही नहीं, बल्कि देश के किसी भी कोने में हर परिस्थिति में लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं.