बम-बम भोले की गूंज के साथ जम्मू बेस कैंप से रवाना हुआ अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था, सुरक्षा में 40 हजार जवान तैनात

रविवार तड़के बम-बम भोले के जयघोष की गूंज के बीच जम्मू बेस कैंप से अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना हुआ. इसके साथ ही इस साल की पवित्र अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है. कड़ी सुरक्षा के बीच गए पहले जत्थे में 2,200 से अधिक तीर्थयात्री शामिल है. यह जत्था सोमवार को बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुचेगा. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 40 हजार से अधिक जवान तैनात किए गए हैं.

कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा शुरू (Photo Credits: IANS)

श्रीनगर: रविवार तड़के बम-बम भोले के जयघोष की गूंज के बीच जम्मू बेस कैंप (Jammu Base Camp) से अमरनाथ यात्रियों (Amarnath Yatra) का पहला जत्था रवाना हुआ. इसके साथ ही इस साल की पवित्र अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है. कड़ी सुरक्षा के बीच गए पहले जत्थे में 2,200 से अधिक तीर्थयात्री शामिल है. पहले जत्थे में सैकड़ों साधुओं समेत महिलाए भी शामिल है. सभी श्रद्धालु तीर्थयात्रा को लेकर भारी उत्साहित नजर आए. यह जत्था सोमवार को बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुचेगा.

जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एमके सिन्हा के अनुसार आतंकी हमले को लेकर खतरे की आशंका के चलते यात्रा मार्ग पर लखनपुर (जम्मू-कश्मीर के लिए प्रवेश द्वार) से लेकर आधार शिविरों, आश्रय केंद्रों, ठहराव स्थानों और सामुदायिक किचन स्थानों पर बेहद कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं. बताया जा रहा है कि अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए 40 हजार से अधिक जवान तैनात किए गए हैं.

शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि यात्रा में रूकावट करने की आतंकियों की किसी योजना को लेकर अभी तक कोई खुफिया जानकारी नहीं मिली है लेकिन राज्य के वर्तमान सुरक्षा माहौल को देखते हुए राष्ट्र विरोधी तत्वों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.

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सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू कश्मीर पुलिस श्रद्धालुओं की सुरक्षा में लगाई गई है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतने का आदेश दिया है. इस साल अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक चलेगी.

दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा के दर्शन के लिए अब तक देशभर से करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. 46 दिन चलने वाली यात्रा अनंतनाग जिले के 36 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गांदेरबल जिल के 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से होती है.

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