Farmers Protest: सीएम उद्धव ठाकरे से अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात, किसानों के लिए मांगा समर्थन
शिरोमणि अकाली दल के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य नेताओं से मुलाकात की, और मौजूदा किसान आंदोलन के लिए समर्थन मांगा.
मुंबई, 6 दिसंबर: शिरोमणि अकाली दल (SAD) के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और अन्य नेताओं से मुलाकात की, और मौजूदा किसान आंदोलन के लिए समर्थन मांगा. पूर्व सांसद और एसएडी के महासचिव प्रेम सिंह चंदूमाजरा (Prem Singh Chandumajara) के नेतृत्व में, अकाली प्रतिनिधिमंडल ने नए कृषि कानूनों, दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर किसान आंदोलन के बारे में बातचीत की. उन्होंने ठाकरे से आग्रह किया कि भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए एक पखवाड़े के भीतर नई दिल्ली में देश भर के प्रमुख विपक्षी और क्षेत्रीय दलों की बैठक में शामिल हों.
ठाकरे ने आश्वासन दिया कि वह बैठक में शामिल होंगे और किसानों के कृषि कानूनों के विरोध में सभी कार्यक्रमों में पूरा समर्थन देंगे. प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने कहा, "महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह किसानों के आंदोलन का समर्थन करेंगे और दिल्ली में भी कुछ हफ्ते बाद आयोजित होने वाले बैठक में भाग लेंगे."यह भी पढ़े: अकाली दल ने किसानों के लिए राहत पैकेज का आग्रह किया
केंद्र सरकार की निंदा करते हुए शिवसेना के सत्तारूढ़ सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि जब कृषि विधेयक सितंबर में संसद में पारित हो रहा था, तो विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि इसमें जल्दबाजी न करें. पवार 9 दिसंबर की शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) से मुलाकात करने वाले हैं.प्रदेश कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट (Balasaheb Thaarot) ने कहा, "हम केंद्र सरकार के खिलाफ न्याय के लिए इस करो या मरो की लड़ाई में पूरी तरह से किसानों के साथ हैं."
शिवसेना (Shiv Sena) के किसान चेहरे किशोर तिवारी (Kishore Tiwary) ने कथित रूप से चल रहे किसानों के आंदोलन को कुचलने की कोशिश के लिए केंद्र पर निशाना साधा और चेतावनी देते हुए कहा कि इन अप्रिय कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. कांग्रेस सहित कई क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विपक्षी दल नए कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए विभिन्न किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' को समर्थन देने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं.