नई दिल्ली:- साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी के प्रसिद्ध कवि मंगलेश डबराल (Manglesh Dabral) का बुधवार शाम को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में इलाज के दौरान निधन हो गया. मंगलेश डबराल COVID-19 और निमोनिया से संक्रमित थे. जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. पहले मंगलेश डबराल को गाजियाबाद के वसुंधरा के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. लेकिन वहां पर उनकी सेहत में सुधार नहीं हुआ और हालत बिगड़ने लगी. जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक मंगलेश डबराल का निधन दिल का दौरान पड़ने से हुआ. बुधवार शाम के वक्त कवि मंगलेश डबराल 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.
मंगेश डबराल का जन्म 14 मई 1949 को उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल जिले के काफलपानी गांव में हुआ था. मंगेश डबराल ने पढ़ाई देहरादून से की और उसके बाद दिल्ली में हिन्दी पैट्रियट के तौर पर काम करने लगे. लेकिन उसके बाद वहां से मध्य प्रदेश चले गए. जहां उन्होंने मध्य प्रदेश कला परिषद्, भारत भवन से प्रकाशित साहित्यिक त्रैमासिक पूर्वाग्रह में सहायक संपादक बने. इसके अलावा उन्होंने जनसत्ता, अमृत प्रभात में कुछ समय काम किया. मंगलेश डबराल के पांच काव्य संग्रह पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज भी एक जगह है और नये युग में शत्रु प्रकाशित हुए हैं.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का ट्वीट:-
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक और समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित श्री मंगलेश डबराल जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। आपकी रचनाओं के माध्यम से आप हम सभी के बीच सदैव जीवित रहेंगे। ॐ शांति! pic.twitter.com/ZNRsMRrlsq
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) December 9, 2020
वहीं, उनके निधन पर शोक की लहर दौड़ पड़ी है. उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलेश डबराल के निधन पर दुख जताते हुए एक ट्वीट कर कहा, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक और समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित श्री मंगलेश डबराल जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे. आपकी रचनाओं के माध्यम से आप हम सभी के बीच सदैव जीवित रहेंगे. ॐ शांति!