नई दिल्ली, 13 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, पटना हाईकोर्ट ने एक न्यायिक अधिकारी के निलंबन आदेश को वापस ले लिया है, जिसे एक नाबालिग के बलात्कार के मुकदमे को एक दिन के रिकॉर्ड समय में पूरा करने के लिए दंडित किया गया था. हाईकोर्ट ने जज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को भी रद्द कर दिया है.
बिहार के अररिया के एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शशिकांत राय ने उच्च न्यायालय द्वारा जारी निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए एडवोकेट नितिन सलूजा के माध्यम से शीर्ष अदालत का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट ने 8 अगस्त को पटना उच्च न्यायालय से बिहार के एक निलंबित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के खिलाफ पॉक्सो मामलों का फैसला करने के लिए सभी अनुशासनात्मक कार्यवाही को एक दिन के रिकॉर्ड समय में समाप्त करने को कहा था. यह भी पढ़ें : दिल्ली: ‘ड्रेस रिहर्सल’ के चलते चार मेट्रो स्टेशनों के कई द्वार रहे बंद, बाद में खोले गए
हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने शीर्ष अदालत में राय का प्रतिनिधित्व किया. सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय में बयान देने को तैयार हैं.