Surgical Strike 2: हवाई हमलों के बाद मुंबई, गुजरात और पंजाब में हाई अलर्ट, CM अमरिंदर सिंह ने कहा- देश की रक्षा के लिए तैयार हैं हम
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Photo Credits: ANI)

Surgical Strike 2: मंगलवार की सुबह भारतीय वायु सेना (Indian Air Force)पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkhwa province) के बालाकोट (Balakot) में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर कहर बनकर टूटी. भारत के इस हवाई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पंजाब (Punjab), गुजरात (Gujarat) के सीमावर्ती जिलों के अलावा मुंबई (Mumbai) में हाई अलर्ट जारी किया गया है. पंजाब सरकार (Punjab Government) ने सीमावर्ती जिलों के अलावा अंबाला एयर बेस को हाई अलर्ट पर रखा है. मुंबई नेवल बेस भी हाई अलर्ट पर है. इस बीच वाघा बॉर्डर पर भी सेना मुश्तैदी से चौकसी बरत रही है.

पंजाब के मुख्यमंत्री (Punjab Chief Minister) कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) बुधवार को फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का जैसे हाई अलर्ट घोषित किए गए सीमावर्ती इलाकों का दौरा करेंगे. उनका कहना है कि राज्य अलर्ट पर है और हम किसी भी संभावित घटना से निपटने के लिए तैयार हैं. मैनें केंद्रीय गृहमंत्री से कहा कि पंजाब अगर कुछ कर सकता है तो हम अपने देश की रक्षा के लिए तत्पर हैं.

मुख्यमंत्री ने यहां के हालात की समीक्षा करने के लिए शीर्ष अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों को वहां के नागरिकों की सुरक्षा व सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए सभी आकस्मिक योजनाओं को लागू करने का आदेश दिया है. यह भी पढ़ें: Surgical Strike 2: भारतीय वायुसेना के जबावी कार्रवाई में मसूद अजहर को बड़ा झटका, 25 सीनियर कमांडर के मारे जाने की खबर!

इस बैठक में पंजाब के सीमावर्ती जिलों में नागरिकों की सुरक्षा और वहां की सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम करने पर जोर दिया गया. उधर, सीएम के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल का कहना है कि राज्य सरकार केंद्रीय गृह और रक्षा मंत्रालयों से लगातार संपर्क में है. इतना ही नहीं सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

गौरतलब है कि बीते 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इस आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे, जिसका बदला लेने के लिए भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को तबाह कर दिया.