Adenovirus: पश्चिम बंगाल में बच्चों में खतरनाक रूप ले रहा एडेनोवायरस
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

कोलकाता, 20 फरवरी : बदलते मौसम के चलते पश्चिम बंगाल के बच्चों में एडेनोवायरस खतरनाक रूप लेता नजर आ रहा है. हालांकि राज्य के स्वास्थ्य विभाग को एडेनोवायरस से प्रभावित होने वाले बच्चों की मौतों का निश्चित आंकड़ा संकलित करना बाकी है, लेकिन अनौपचारिक अनुमान बताते हैं कि पिछले साल दिसंबर से अब तक दस से अधिक बच्चों की मौत सर्दी और सांस लेने की समस्याओं से हुई है.

हालांकि, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों, विशेष रूप से बाल रोग विशेषज्ञों के लिए एक सलाह जारी की है कि वे फ्लू जैसे लक्षणों के साथ भर्ती होने वाले बच्चों, विशेष रूप से दो साल या उससे कम उम्र के बच्चों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि वे एडेनोवायरस से प्रभावित होने के लिए सबसे कमजोर हैं. यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: देश में कोविड-19 के 157 नए मामले सामने आए

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर स्वीकार किया कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान राज्य संचालित अस्पतालों में बाल चिकित्सा बाल देखभाल इकाइयों में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है "इन अस्पतालों में अधिकांश चाइल्ड केयर यूनिट्स पहले से ही भरे हुए हैं. वहां वेंटिलेटर लगभग 100 प्रतिशत भरे हुए हैं. निजी अस्पतालों और नसिर्ंग होम से बाल चिकित्सा बाल देखभाल इकाइयों में प्रवेश की इसी तरह की भीड़ की सूचना मिली है."

एडेनोवायरस के सामान्य लक्षण फ्लू जैसे, सर्दी, बुखार, सांस लेने में समस्या, गले में खराश, निमोनिया और तीव्र ब्रोंकाइटिस हैं. दो साल और उससे कम उम्र के बच्चे इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. वायरस त्वचा के संपर्क से, हवा से खांसने और छींकने से और संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैल सकता है. अब तक, वायरस के इलाज के लिए कोई अनुमोदित दवा या कोई विशिष्ट उपचार पद्धति नहीं है.