बड़ी लापरवाही: स्पेशल श्रमिक ट्रेन से वड़ोदरा से भेजे गए 1908 प्रवासी मजदूर, लेकिन बांदा पहुंचने पर 338 हो गए कम
इसे वड़ोदरा प्रशासन की चूक मानी जाए या कुछ और. गुजरात के वड़ोदरा से बुधवार को बांदा पहुंची प्रवासी मजदूरों से भरी स्पेशल श्रमिक ट्रेन में 338 मजदूर कम यानी 1,570 थे, जबकि भेजी गई सूची में नामजदगी 1,908 थी.
बांदा: इसे वड़ोदरा (Vadodara) प्रशासन की चूक मानी जाए या कुछ और. गुजरात के वड़ोदरा से बुधवार को बांदा (Banda) पहुंची प्रवासी मजदूरों से भरी स्पेशल श्रमिक ट्रेन में 338 मजदूर कम यानी 1,570 थे, जबकि भेजी गई सूची में नामजदगी 1,908 थी. नौ मई को गुजरात के वड़ोदरा जिले के अपर कलेक्टर डी.आर. पटेल ने उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी को एक स्पेशल श्रमिक ट्रेन से 12 मई को बांदा भेजे जाने वाले सूबे के 48 जिलों के 1,908 प्रवासी मजदूरों को सूचीबद्ध किया था. इसी आधार पर अनुमति भी दी गई थी. लेकिन बुधवार सुबह करीब छह बजे बांदा रेलवे स्टेशन में स्पेशल श्रमिक ट्रेन से उतरने वाले गोरखपुर की एक 75 वर्षीय मृत महिला सहित प्रवासी मजदूरों की संख्या 1,570 थी. यानी 338 मजदूर कम थे, वे ट्रेन में चढ़ नहीं पाए या फिर चलती ट्रेन से कूदकर लापता हो गए. यदि नहीं चढ़ पाए थे तो वड़ोदरा प्रशासन को ताजी स्थिति से बांदा प्रशासन को अवगत कराना चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं किया गया.
इस संबंध में बांदा के जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल कहते हैं कि बुधवार सुबह स्पेशल श्रमिक ट्रेन से 1,908 के बजाय 1,570 (मृत महिला सहित) उतरे हैं, जिन्हें उनके गंतव्य जिला तक सरकारी बसों से भेज दिया गया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "वड़ोदरा से बांदा तक रास्ते में ट्रेन कहीं नहीं रुकी. हो सकता है कि किसी कारणवश बाकी मजदूर ट्रेन में चढ़ न पाए हों." यह भी पढ़ें: यूपी-एमपी में सड़क हादसों ने छीनी 14 प्रवासी मजदूरों की जान, 53 घायल
उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में वड़ोदरा प्रशासन से समन्वय स्थापित करेंगे और यहां उतरे मजदूरों की सूची उपलब्ध कराएंगे.