मोदी सरकार ने पांच साल में 2935 पाकिस्तानियों को दी भारतीय नागरिकता, 15 हजार बांग्लादेशी भी बने भारतीय
देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर मचे हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने अहम जानकारी दी है. केंद्र सरकार ने बताया कि साल 2014 से 2019 के बीच पड़ोसी देशों के कुल 18 हजार 999 नागरिकों को भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) प्रदान की गई है.
नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर मचे हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने अहम जानकारी दी है. केंद्र सरकार ने बताया कि साल 2014 से 2019 के बीच पड़ोसी देशों के कुल 18 हजार 999 नागरिकों को भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) प्रदान की गई है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में बुधवार को एक लिखित जवाब में बताया कि कहा भारत सरकार ने 2014 से 2019 के बीच पड़ोसी देशों के 18,999 नागरिकों को देश की नागरिकता दी है. जबकि साल 2015 में हुए बांग्लादेश के साथ करार के तहत 14864 बांग्लादेशी नागरिकों को देश का नागरिक बनाया गया. वहीं 2935 पाकिस्तानी नागरिकों को भी भारत की नागरिकता दी गई. यह भी पढ़ें- तीन साल में 391 अफगानी और 1595 पाकिस्तानी प्रवासियों को दी गई भारतीय नागरिकता
यहां देखें पूरी लिस्ट-
पिछले महीने सरकार ने संसद में बताया था कि 2016 से 2018 के बीच 286 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी थी कि वर्ष 2016 में 19 लोगों ने जबकि 2017 में 60 अन्य ने भारतीय नागरिकता त्यागी.
उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2019) में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्य, जो 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हैं और वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना किया है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी. हालांकि सीएए के तहत किसी को भी नागरिकता दी गई है या नहीं इसकी जानकारी सरकार ने नहीं दी है.