मनोज वाजपेयी ने थिएटर में काम करने को लेकर दिया बयान, कहा- इससे कभी अलग नहीं हो सकता
मनोज वाजपेयी की हाल ही में आई ओटीटी शो 'द फैमिली मैन' ने भले ही उनके दर्शकों के घेरे को व्यापक बना दिया है, लेकिन अभिनेता आज भी थियेटर से जुड़े हैं और अपना काम करते रहते हैं. उनका मानना है कि अभिनय की शुरुआत उन्होंने जिस क्षेत्र यानी थियेटर से की थी और वे इससे कभी अलग नहीं हो सकते हैं.
मनोज वाजपेयी (Manoj Bajpai) की हाल ही में आई ओटीटी शो 'द फैमिली मैन' ने भले ही उनके दर्शकों के घेरे को व्यापक बना दिया है, लेकिन अभिनेता आज भी थियेटर से जुड़े हैं और अपना काम करते रहते हैं. उनका मानना है कि अभिनय की शुरुआत उन्होंने जिस क्षेत्र यानी थियेटर से की थी और वे इससे कभी अलग नहीं हो सकते हैं.
उन्होंने आईएएनएस से कहा, "इस बारे में मैं ज्यादा बात करना नहीं चाहता था, लेकिन हां मैं कार्यशालाएं आयोजित करने के अलावा लगातार एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) में अभिनय के छात्रों को प्रशिक्षण देता आ रहा हूं. मैं अपने जीवन के हर पल में थिएटर से जुड़े रहना चाहता हूं, स्टेज पर अभिनय करना थियेटर का बस एक हिस्सा है. मैंने काफी कुछ किया है और सच कहूं तो मैं इसे गवाना नहीं चाहता."
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राजधानी में चल रहे मौखिक कहानी परंपरा उत्सव, तीन दिवसीय कथाकार महोत्सव (11-13 अक्टूबर), जिसमें दुनियाभर से कलाकार भाग लेने आते हैं, इससे दर्शकों को जोड़े रखने के लिए वाजपेयी ने दमदार कहानियों की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कहानी बताने का माध्यम क्या है, अंत में दमदार कंटेंट ही होते हैं, जिससे सारी चीजे सार्थक होती हैं."
एमेजॉन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध 'द फैमिली मैन' को लेकर वाजपेयी ने माना कि देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म के दबदबे लेकर वे आश्चर्यचकित थे. उन्होंने आगे कहा, "एक कलाकार के तौर पर इस प्लेटफॉर्म को अनदेखा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह मनोरंजन का भविष्य है." वहीं अभिनेता ने माना कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप काम नहीं करता है, क्योंकि इसके तथ्य और कंटेंट वैश्विक दर्शकों को और संवेदनशीलता व संस्कृति को ध्यान में रख कर तैयार किया जाता है.