देश की खबरें | आप ने प्रदूषण फैला रहे ताप बिजली संयंत्र को बंद करने की मांग की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. आम आदमी पार्टी (आप) ने बृहस्पतिवार को मांग की कि राष्ट्रीय राजधानी में खराब होती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर के पड़ोसी राज्यों में स्थित प्रदूषण फैलाने वाले सभी ताप बिजली संयंत्रों को बंद किया जाए।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर आम आदमी पार्टी (आप) ने बृहस्पतिवार को मांग की कि राष्ट्रीय राजधानी में खराब होती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर के पड़ोसी राज्यों में स्थित प्रदूषण फैलाने वाले सभी ताप बिजली संयंत्रों को बंद किया जाए।

आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश और केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद कोयले से चलने वाले 13 ताप बिजली संयंत्रों ने अब तक प्रदूषण रोधी प्रौद्योगिकी नहीं अपनाई है।

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भारद्वाज ने दावा किया कि दो हजार से ज्यादा से ज्यादा ईंट की भट्टे चल रहे हैं और वे भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अधिकारियों के भ्रष्ट गठजोड़ की मदद से उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) "केंद्रीय राजनीतिक नियंत्रित बोर्ड" की भांति बर्ताव कर रहा है।

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उन्होंने पत्रकारों से कहा, " आम आदमी पार्टी राजनीतिक नियंत्रित बोर्ड से जानना चाहती है कि आपने उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में इन बिजली संयंत्रों को बंद करने के लिए कोई पहल क्यों नहीं की। हम जानना चाहते हैं कि सीपीसीबी इन राज्यों की निष्क्रियता पर खामोश क्यों है। "

उन्होंने कहा, " जब दिल्ली सरकार इन बिजली संयंत्रों को बंद कर सकती है तो अन्य राज्य ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि इन सभी ताप बिजली संयंत्रों को तत्काल बंद किया जाए। "

उन्होंने कहा कि प्रदूषण का अन्य बड़ा स्रोत ईंट भट्टे हैं।

भारद्वाज ने कहा, "सिर्फ एनसीआर में करीब 2300 ईंट भट्टे हैं। इन भट्टे को इन प्रौद्योगिकी में बदला जाना था, लेकिन किसी भी ईंट भट्टे ने ऐसी नई प्रौद्योगिकी नहीं अपनाई है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अधिकारियों के भ्रष्टाचार की वजह से ये ईंट भट्टे पहले की तरह ही चल रही हैं और बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैला रही हैं। "

उन्होंने कहा, " सीपीसीबी इन सभी मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहा है। आने वाले दिनों में दिल्ली (सरकार) के खिलाफ सवाल किए जाएंगे और हर कोई धूल से होने वाले और वाहनों से होने वाले प्रदूषण की बात करेगा। मगर ये मुद्दे पहले से ही हैं, सिर्फ पराली जलाने के कारण निकलने वाली जहरीली हवा नहीं है। जब जहरीली हवा आएगी तो दिल्ली की स्थिति बदतर हो जाएगी।"

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