लखनऊ, तीन मार्च उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिये हैं।
रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योगी ने सभी जिलाधिकारियों, उप जिलाधिकारी (एसडीएम) और तहसीलदारों को मौके पर जाकर तत्काल सर्वेक्षण कर संबंधित विभाग को पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा है ताकि 24 घंटे में किसानों के खाते में क्षतिपूर्ति की धनराशि को भेजा जा सके।
योगी ने अधिकारियों को क्षतिपूर्ति देने में लापरवाही न करने की हिदायत भी दी है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बयान में कहा गया कि दो मार्च तक 50 जिलों के सात हजार से अधिक किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिए आवेदन किया है।
बयान के मुताबिक, सर्वेक्षण पूरा होने के बाद फसलों के नुकसान का मुआवजा बीमा कंपनियों के साथ राजस्व विभाग से भी दिया जाएगा। वहीं, राहत विभाग ने खराब मौसम को देखते हुए अलर्ट जारी किया है और लोगों से अति आवश्यक कार्य पर ही घर से निकलने की अपील की है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरु प्रसाद ने ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति का मुआवजा किसानों को देने के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, एसडीएम और तहसीलदारों को मौके पर जाकर सर्वेक्षण करने के निर्देश दिये हैं।
साथ ही जल्द से जल्द विभाग के पोर्टल पर सर्वेक्षण रिपोर्ट पोस्ट के निर्देश भी दिये हैं।
राहत विभाग के पोर्टल के अनुसार, 50 जिलों के 7020 किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिए आवेदन किया है। इसके सापेक्ष 2681 आवेदनों का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है जबकि 4339 आवेदनों पर सर्वेक्षण कराया जा रहा है।
अनुमान है कि खराब मौसम को देखते हुए क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के आवेदनों में अभी और इजाफा हो सकता है।
हमीरपुर के सबसे ज्यादा 1256 किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिए आवेदन किया है।
इसी तरह जालौन के 997, मिर्जापुर के 969, ललितपुर के 812, झांसी के 650 और बांदा के 580 किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे के लिए आवेदन किया है जबकि आधा दर्जन जिलों के 100 से अधिक किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया है।
मुआवजा केवल उन्हीं किसानों को दिया जाता है जिनकी फसल बाढ़, ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश के कारण 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त हो जाती है।
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