देश की खबरें | येदियुरप्पा ने यौन उत्पीड़न मामले में पीड़िता और उसकी मां को 'चुप' रहने के लिए पैसे दिये : आरोपपत्र

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) द्वारा पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की संभावित गिरफ्तारी पर लगाई गई अंतरिम रोक की मियाद दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी। येदियुरप्पा के खिलाफ जांच एजेंसी ने मामले में आरोप पत्र दाखिल किया है।

बेंगलुरु, 28 जून कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) द्वारा पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की संभावित गिरफ्तारी पर लगाई गई अंतरिम रोक की मियाद दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी। येदियुरप्पा के खिलाफ जांच एजेंसी ने मामले में आरोप पत्र दाखिल किया है।

येदियुरप्पा द्वारा कथित तौर नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न किए जाने के मामले की जांच कर रही सीआईडी ने आरोपपत्र में कहा है कि भाजपा नेता और तीन अन्य आरोपियों ने कथित पीड़िता और उसकी मां को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे।

येदियुरप्पा (81) पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा आठ (यौन उत्पीड़न के लिए सजा) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न), 204 (साक्ष्य के रूप में दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को नष्ट करने) तथा 214 (अपराधी की जांच के बदले में उपहार की पेशकश) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

बृहस्पतिवार को यहां पॉक्सो मामलों के लिए 'फास्ट ट्रैक कोर्ट-एक' में दाखिल आरोपपत्र में येदियुरप्पा के सहयोगियों और तीन अन्य सह-आरोपियों अरुण वाई एम, रुद्रेश एम और जी मारिस्वामी पर आईपीसी की धारा 204 और 214 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने शुक्रवार को 14 जून के अपने आदेश को जारी रखा और येदियुरप्पा द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने के लिए दाखिल याचिका पर अभियोजन पक्ष को आपत्ति दर्ज करने की अनुमति दी।

विशेष लोक अभियोजक ने आपत्तियां दर्ज करने के लिए समय मांगा और कहा कि येदियुरप्पा की याचिका लंबित नहीं रह पाएगी क्योंकि आरोपपत्र पहले ही दायर किया जा चुका है।

इसपर अदालत ने कहा, ‘‘विशेष लोक अभियोजक के अनुरोध पर इन मामलों को अगले सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा ताकि आपत्तियों का विवरण दाखिल किया जा सके। पहले दिया गया अंतरिम आदेश अगली सुनवाई की तारीख तक जारी रहेगा।’’

आरोपपत्र के अनुसार, इस वर्ष दो फरवरी को पूर्वाह्न करीब सवा 11 बजे 17 वर्षीय कथित पीड़िता अपनी 54 वर्षीय मां (शिकायतकर्ता) के साथ यहां डॉलर्स कॉलोनी स्थित येदियुरप्पा के आवास पर पिछले मामले और अन्य मुद्दों में न्याय दिलाने की गुहार लगाने गई थी।

पीड़िता पूर्व में यौन उत्पीड़न और अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा नेता के आवास पर गई थी।

आरोपपत्र के मुताबिक, येदियुरप्पा ने नाबालिग लड़की की मां से बात करते हुए अपने बाये हाथ से पीड़िता की दाये हाथ की कलाई पकड़ी हुई थी।

आरोपपत्र में बताया गया कि इसके बाद येदियुरप्पा ने नाबालिग लड़की को हॉल के बगल में एक बैठक कक्ष में बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया। फिर उन्होंने पीड़िता से पूछा कि क्या उसे उस व्यक्ति का चेहरा याद है, जिसने पूर्व में उसका यौन शोषण किया था, जिस पर पीड़िता ने दो बार जवाब दिया कि उसे याद है।

सीआईडी ने आरोप लगाया कि इसके बाद येदियुरप्पा ने पीड़िता से पूछा कि उस वक्त उसकी क्या उम्र थी, जिस पर लड़की ने जवाब दिया साढ़े छह वर्ष। आरोपपत्र के मुताबिक, इस वक्त येदियुरप्पा ने लड़की से यौन उत्पीड़न का कथित प्रयास किया।

आरोपपत्र के मुताबिक, डरी-सहमी पीड़िता ने येदियुरप्पा का हाथ झटका, दूर हटी और उनसे दरवाजा खोलने को कहा। येदियुरप्पा ने तब दरवाजा खोल दिया और जब पीड़िता बाहर निकल रही थी तो उन्होंने अपने जेब से कुछ पैसे निकालकर पीड़िता के हाथ में थमा दिये।

आरोपपत्र में बताया गया कि बाहर आकर येदियुरप्पा ने पीड़िता की मां से कहा कि वह इस मामले में उनकी मदद नहीं कर सकते और उन्होंने अपनी जेब से कुछ पैसे निकालकर उन्हें जाने के लिए कह दिया।

पीड़िता की मां ने 20 फरवरी को अपने फेसबुक खाते पर घटना से संबंधित एक वीडियो पोस्ट किया, जिसके बाद येदियुरप्पा के कहने पर अन्य आरोपियों अरुण, रुद्रेश और मारिस्वामी पीड़िता के घर जाकर मां-बेटी दोनों को भाजपा नेता के आवास पर ले आए।

आरोपपत्र के अनुसार, अरुण ने यह सुनिश्चित किया कि पीड़िता की मां अपने फेसबुक खाते और अपने आईफोन की गैलरी से वीडियो को डिलीट करे।

येदियुरप्पा के निर्देश पर रुद्रेश ने कथित पीड़िता को दो लाख रुपये नकद दिए।

येदियुरप्पा के खिलाफ इस साल 14 मार्च को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर बेंगलुरु की अदालत ने 13 जून को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।

उच्च न्यायालय ने 14 जून को येदियुरप्पा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और उन्हें जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था। सीआईडी ने 17 जून को पूर्व मुख्यमंत्री से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की थी।

येदियुरप्पा के खिलाफ आरोप लगाने वाली पीड़िता की मां की पिछले महीने यहां एक निजी अस्पताल में फेफड़ों के कैंसर के कारण मृत्यु हो गई थी।

पीड़िता के भाई ने इस महीने की शुरुआत में अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि 14 मार्च को मामला दर्ज होने के बावजूद जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। याचिकाकर्ता ने प्रार्थना की कि येदियुरप्पा को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जानी चाहिए।

येदियुरप्पा ने आरोप से इनकार किया है और कहा है कि वह कानूनी रूप से मामला लड़ेंगे।

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