देश की खबरें | कुश्ती के तदर्थ पैनल ने राज्य इकाइयों से आयु वर्ग की राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए प्रविष्टियां मांगी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कुश्ती की तदर्थ समिति ने सभी राज्य संघों को इस महीने के अंत में ग्वालियर में होने वाली अंडर-20 और अंडर-15 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए प्रविष्टियां भेजने का निर्देश दिया है और ऐसा नहीं करने की स्थिति में तीन सदस्यीय पैनल स्वयं उस राज्य से प्रतिद्वंद्वी चुन लेगा।
नयी दिल्ली, छह फरवरी कुश्ती की तदर्थ समिति ने सभी राज्य संघों को इस महीने के अंत में ग्वालियर में होने वाली अंडर-20 और अंडर-15 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए प्रविष्टियां भेजने का निर्देश दिया है और ऐसा नहीं करने की स्थिति में तीन सदस्यीय पैनल स्वयं उस राज्य से प्रतिद्वंद्वी चुन लेगा।
आयु वर्ग की राष्ट्रीय चैंपियनशिप 11 से 17 फरवरी तक होगी।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा नियुक्त समिति के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि उन्हें दो से पांच फरवरी तक जयपुर में कार्यवाहक निकाय द्वारा आयोजित सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए प्रविष्टियां जमा करने के संबंध में दो से तीन राज्य इकाइयों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ा।
संजय सिंह की अध्यक्षता वाले नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती महासंघ को खेल मंत्रालय ने अपने ही संविधान का उल्लंघन करने के लिए निलंबित कर दिया था और तदर्थ समिति को सभी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन का काम सौंपा गया।
निलंबित डब्ल्यूएफआई ने 29 से 31 जनवरी तक पुणे में सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन किया था जिसे मंत्रालय ने ‘गैर मान्यता प्राप्त’ करार दिया और संजय सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
समिति ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘यदि किसी विशेष राज्य कुश्ती संघ से दिए गए समय के भीतर कोई प्रविष्टि प्राप्त नहीं होती है तो तीन सदस्यीय समिति अपने संबंधित राज्य की भागीदारी के लिए प्रविष्टियां भेजेगी।’’
बयान में कहा गया है कि तदर्थ पैनल द्वारा आयोजित की जा रही राष्ट्रीय चैंपियनशिप एकमात्र स्वीकृत टूर्नामेंट है और पदक विजेता केवल उनमें प्रतिस्पर्धा करके ही सभी सरकारी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
बयान में कहा गया, ‘‘कुश्ती में विभिन्न आयु वर्गों के लिए तदर्थ समिति द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप खेल मंत्रालय द्वारा स्वीकृत और मान्यता प्राप्त एकमात्र चैंपियनशिप है। भाग लेने वाले खिलाड़ी सभी सरकारी लाभों, राष्ट्रीय शिविरों और आगे की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के लिए पात्र हैं।’’
सूत्र ने कहा कि तदर्थ पैनल को बयान जारी करने के लिए मजबूर किया गया।
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