देश की खबरें | वक्फ विधेयक पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है, जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे: मेघवाल

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नयी दिल्ली, 14 जनवरी केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर काम अच्छी गति से आगे बढ़ रहा है और जल्द ही इसके ‘‘सकारात्मक परिणाम’’ सामने आएंगे।

वर्तमान में एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार किया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी पत्रिका ‘‘पाञ्चजन्य’’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मेघवाल ने ‘‘विचाराधीन’’ उपासना स्थल अधिनियम पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय केंद्र से हलफनामा दाखिल करने को कहता है तो वह ऐसा हलफनामा दाखिल करेगा जो ‘‘राष्ट्रीय हित’’ में होगा।

वक्फ विधेयक पर एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक ‘‘बड़ा फैसला’’ लिया और विधेयक लाई, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पारित कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘जब विधेयक पेश किया गया था तो मांग की गई थी कि इसे समिति के पास भेजा जाना चाहिए, इसलिए जेपीसी का गठन किया गया। बैठकें हो रही हैं और काम अच्छी गति से आगे बढ़ रहा है। आप यह नहीं कह सकते कि प्रक्रिया धीमी है।’’

मेघवाल ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने विधेयक पेश किए जाने के समय इस पर सरकार की भावनाओं के बारे में बताया था। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें किसी संदेह की जरूरत नहीं है। बहुत जल्द आप संसद में सकारात्मक परिणाम देखेंगे।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम में बदलाव की कोई योजना है, मेघवाल ने कहा, ‘‘मैं कानून मंत्री हूं, यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है, मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जो भी निर्णय लिया जाएगा, यदि सरकार से हलफनामा या कुछ और मांगा जाएगा तो राष्ट्रीय हित में कदम उठाया जायेगा।’’

उपासना स्थल कानून किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक स्वरूप को उसी रूप में बनाए रखने का प्रावधान करता है जैसा वह 15 अगस्त 1947 को था। हालांकि, अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से संबंधित विवाद को इसके दायरे से बाहर रखा गया था।

उच्चतम न्यायालय उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली लगभग छह याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

मेघवाल ने पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दलों द्वारा फैलाए गए इस ‘‘दुष्प्रचार’’ की भी आलोचना की कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) यदि दोबारा सत्ता में आई तो वह संविधान में बदलाव करेगी।

न्यायिक सुधारों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नए आपराधिक कानून लंबित मामलों से निपटने में भी मददगार साबित होंगे।

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