विदेश की खबरें | पुरुषों की तुलना में स्वास्थ्य सेवा पर महिलाओं का खर्च अधिक होता है
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया), 10 जनवरी (द कन्वरसेशन) ऑस्ट्रेलिया की सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा योजना ‘मेडिकेयर’ सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों को कम या बिना किसी लागत के व्यापक स्वास्थ्य एवं अस्पताल सेवाओं तक पहुंच की गारंटी देती है।
एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया), 10 जनवरी (द कन्वरसेशन) ऑस्ट्रेलिया की सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा योजना ‘मेडिकेयर’ सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों को कम या बिना किसी लागत के व्यापक स्वास्थ्य एवं अस्पताल सेवाओं तक पहुंच की गारंटी देती है।
हालांकि एक विश्लेषण से पता चलता है कि पुरुषों की तुलना में स्वास्थ्य सेवाओं पर महिलाओं को अधिक खर्च करना पड़ता है।
अन्य शोधों में पाया गया है कि पुरुष और महिलाएं स्वास्थ्य सेवा पर समान राशि खर्च करते हैं, या यहां तक कि पुरुष थोड़ा अधिक खर्च करते हैं। हालांकि, यह स्पष्ट है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं स्वास्थ्य सेवा पर अपने कुल व्यय का अधिक हिस्सा खर्च करती हैं। लागत के कारण उनके चिकित्सा देखभाल को छोड़ने या देरी करने की संभावना भी अधिक होती है।
तो फिर महिलाएं स्वास्थ्य देखभाल पर अपना अधिक धन क्यों खर्च करती हैं और हम इस अंतर को कैसे पाट सकते हैं?
महिलाओं को गंभीर बीमारियां अधिक होती हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में गंभीर स्वास्थ्य समस्या होने की आशंका अधिक होती है।
कुछ ऐसी स्थितियां भी हैं जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करती हैं, जैसे ‘ऑटोइम्यून’ स्थितियां (उदाहरण के लिए, ‘मल्टीपल स्केलेरोसिस’ और ‘रुमेटॉइड आर्थराइटिस’)।
इसके अलावा, चिकित्सा अनुसंधान में पुरुषों पर ध्यान केंद्रित किए जाने के कारण कभी-कभी चिकित्सा उपचार महिलाओं के लिए कम प्रभावी हो सकते हैं।
ये असमानताएं संभवतः यह समझने में महत्वपूर्ण हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं आखिर क्यों स्वास्थ्य सेवाओं तक अधिक पहुंचती हैं।
उदाहरण के लिए, 2021-22 में 79 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 88 प्रतिशत महिलाओं ने चिकित्सक से मुलाकात की।
हालांकि, 2020-21 में, 4.3 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में कम से कम एक बार लागत के कारण चिकित्सक से मुलाकात टाली थी, जबकि पुरुषों के लिए यह आंकड़ा 2.7 प्रतिशत था।
ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि महिलाएं लागत के कारण मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलने में देरी करती हैं या उसे टालती हैं।
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य की स्थितियां
महिलाएं अपने पूरे जीवनकाल में दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से असमान रूप से प्रभावित होती हैं, लेकिन स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं में अधिकांश असमानता प्रथम मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति के बीच केंद्रित होती है।
पिछले पांच वर्षों में 18 वर्ष से अधिक उम्र की लगभग आधी महिलाओं ने गंभीर पेल्विक दर्द का अनुभव किया है। यह एंडोमेट्रियोसिस, डिसमेनोरिया (माहवारी में दर्द), वुल्वोडायनिया (योनि में दर्द) और मूत्राशय में दर्द जैसी स्थितियों के कारण हो सकता है।
आम तौर पर, गर्भाशय की अंदरूनी दीवार पर पाया जाने वाला ऊत्तक जब गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगता है, तो इससे होने वाली समस्या को ‘एंडोमीट्रियोसिस’ कहते हैं।
वहीं, 45-64 वर्ष की उम्र की एक-चौथाई महिलाएं रजोनिवृत्ति से संबंधित ऐसे लक्षणों की रिपोर्ट करती हैं जो उनके दैनिक जीवन को बाधित करने के लिए पर्याप्त हैं।
निदान का महंगा होना
महिलाओं को अक्सर गंभीर बीमारियों के निदान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। एक अध्ययन में पाया गया कि महिलाओं को दीर्घकालिक गंभीर रोग के निदान के लिए पुरुषों की तुलना में औसतन 134 दिन अधिक इंतजार करना पड़ता है।
निदान में देरी के कारण अक्सर अधिक चिकित्सकों को दिखाने की आवश्यकता पड़ती है, जिससे लागत बढ़ जाती है।
ऑस्ट्रेलिया में ‘एंडोमेट्रियोसिस’ के निदान में औसतन साढ़े छह से आठ साल लगते हैं। इसके लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जैसे कि महिलाओं के दर्द को समाज द्वारा सामान्य समझा जाना, कुछ स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच ‘एंडोमेट्रियोसिस’ के बारे में अपर्याप्त जानकारी और इस स्थिति का सटीक निदान करने के लिए किफायती, सर्जरी के बगैर तरीकों की कमी शामिल है।
‘मेडिकेयर’ बीमा की लाभ अनुसूची में लैंगिक असमानता के मुद्दे अब भी मौजूद हैं। उदाहरण के लिए एक महिला के पेड़ू के दर्द की एमआरआई जांच के लिए कोई छूट मौजूद नहीं है।
प्रबंधन भी महंगा हो सकता है
‘एंडोमेट्रियोसिस’ जैसी कई गंभीर स्थितियों में कई तरह के लक्षण होते हैं लेकिन कोई इलाज नहीं होता। इनका प्रबंधन बहुत मुश्किल हो सकता है।
खर्च अधिक, बचत कम
महिलाओं को अपनी स्वास्थ्य देखभाल के लिए अधिक वित्तीय दबाव झेलना पड़ता है। उदाहरण के लिए, ‘एंडोमेट्रियोसिस’ और गंभीर पेड़ू के दर्द से पीड़ित महिलाओं को अक्सर चिकित्सीय परामर्श लेने के लिए काम से छुट्टी लेने की जरूरत होती है। इसके कारण महिलाओं को कभी-कभी काम पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इससे करियर में प्रगति की कमी, कम रोजगार और समय से पहले सेवानिवृत्ति हो सकती है।
इसी प्रकार, ऑस्ट्रेलिया में हर साल 160,000 महिलाएं रजोनिवृत्ति की अवस्था में पहुंचती हैं (और जनसंख्या वृद्धि के साथ इस संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है), इसलिए उन पर वित्तीय बोझ काफी अधिक पड़ता हैं।
ऐसी परिस्थिति में चार में से एक महिला या तो अंशकालिक नौकरी करती है, कार्यबल से कुछ समय के लिए बाहर हो जाती है या रजोनिवृत्ति के कारण समय से पहले सेवानिवृत्त हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप उसकी आय कम हो जाती है और वह अपने ऊपर कम खर्च कर पाती है।
हम इस अंतर को कैसे पाट सकते हैं?
महिलाएं गंभीर बीमारियों से अधिक पीड़ित होती हैं, लेकिन अपेक्षाकृत हाल तक ज्यादातर चिकित्सीय अनुसंधान पुरुषों पर ही केंद्रित रहे हैं। हालांकि अब हम इस बात को समझने लगे हैं कि पुरुष और महिलाएं कुछ स्थितियों (जैसे गंभीर दर्द) का अनुभव कैसे करते हैं।
महिलाओं के स्वास्थ्य अनुसंधान में निवेश करना उपचार में सुधार के लिए महत्वपूर्ण होगा ताकि महिलाओं पर गंभीर बीमारियों के इलाज के खर्च का बोझ कम हो।
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