नयी दिल्ली, नौ जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने 22 वर्षीय उस महिला की शिकायत पर पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) दाखिल करने को कहा है, जिसने आरोप लगाया है कि एक हेड कांस्टेबल ने उससे बलात्कार किया और एक वांछित अपराधी को गिरफ्तार करने के मकसद से ‘‘हनी ट्रैप’’ के लिए उसका इस्तेमाल किया।
महिला की शिकायत पर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने बुद्ध विहार पुलिस थाना प्रभारी को कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई के लिए 19 फरवरी, 2022 की तारीख तय की।
महिला ने अदालत से अनुरोध किया कि आरोपी पुलिसकर्मी को तलब किया जाए और बलात्कार करने, पीड़िता की अनुमति के बिना उसका गर्भपात कराने एवं हत्या की कोशिश के आरोप में उसके खिलाफ सुनवाई की जाए और न्याय के हित में उसे सजा दी जाए।
महिला ने वकील अमित साहनी के जरिए दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया कि उसने उसे परेशान करने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ नवंबर 2020 में पुलिस नियंत्रण कक्ष में एक शिकायत की थी, तभी वह हेड कांस्टेबल के संपर्क में आई थी।
पीड़िता ने कहा कि हेड कांस्टेबल उस समय शाहबाद डेयरी पुलिस थाने में तैनात था। हेड कांस्टेबल ने महिला के साथ समय बिताना शुरू किया और बाद में उसे विवाह का प्रस्ताव दिया।
महिला ने शिकायत में आरोप लगाया है कि नवंबर 2020 में पूट खुर्द स्थित अपने आवास में पुलिसकर्मी ने महिला के साथ जबरन यौन संबंध बनाए और वह 2021 में भी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा।
महिला ने अदालत को बताया कि पुलिसकर्मी ने एक वांछित अपराधी पंकज सूरा से संपर्क करने के लिए एक सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर उसकी तस्वीरों का दुरुपयोग किया और अपराधी से 2021 में फोन पर और वीडियो कॉल के जरिए उसकी बात कराई।
उसने कहा कि इस ‘हनी ट्रैप’ के कारण वांछित अपराधी को जून 2021 में गिरफ्तार कर लिया गया। उसने कहा कि जब वह अपराधी की मोटरसाइकिल पर थी, तब पुलिस अधिकारियों के कारण हुए एक हादसे में वह बुरी तरह घायल हो गई, लेकिन पुलिसकर्मियों ने इस दौरान उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
महिला ने दावा किया कि पुलिस की मदद करने के कारण अपराधी के सहयोगी उसके दुश्मन बन गए और उस पर 25 जुलाई, 2021 को हमला किया गया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
महिला ने दावा किया कि वह आरोपी पुलिसकर्मी द्वारा यौन संबंध बनाए जाने के कारण गर्भवती हुई थी और आरोपी 10 जुलाई, 2021 को उसे किसी निजी अस्पताल लेकर गया था।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसकी दुर्दशा की कई पुलिसकर्मियों को जानकारी थी, क्योंकि विभिन्न पुलिसकर्मी उसे उपचार के लिए विभिन्न अस्पतालों में लेकर गए थे और उन्होंने भुगतान भी किया था।
महिला ने दावा किया कि उसने इस संबंध में दिसंबर में बुद्ध विहार के थाना प्रभारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
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