देश की खबरें | अडाणी समूह की कंपनियों के बिजली उपकरणों के आयात के मामले की जांच में आठ साल क्यों लगा: कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 14 मार्च कांग्रेस ने अडाणी समूह की तीन कंपनियों द्वारा बिजली उपकरणों के आयात से जुड़े मामले की राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की जांच के तौर-तरीके पर सवाल खड़े करते हुए मंगलवार को कहा कि तहकीकात को पूरा करने में आठ साल से अधिक का समय क्यों लग गया।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने पिछले कई दिनों की तरह आज भी ‘हम अडाणी के हैं कौन’ प्रश्न श्रृंखला की उप श्रृंखला ‘दिख रहा है विनोद’ के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुछ सवाल किए।

रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘आज भी संसद की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया, क्योंकि मोदी सरकार प्रधानमंत्री से जुड़े अडाणी महाघोटाले के लिए विपक्ष की जेपीसी की मांग से इनकार कर रही है। उच्चतम न्यायालय की समिति जेपीसी का विकल्प नहीं है...चुप्पी तोड़िए प्रधानमंत्री जी।’’

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘13 मार्च 2023 को लोकसभा में एक प्रश्‍न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री (पंकज चौधरी) ने कहा कि इंडोनेशिया से आयातित कोयले के लिए अडाणी समूह द्वारा कथित रूप से वास्‍तविक कीमत से अधिक का चालान प्रस्‍तुत करने के संबंध में डीआरआई द्वारा की जा रही जांच किसी "अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंच पाई है, क्योंकि निर्यातक देशों को अनुरोध पत्र भेजकर मांगी गई जानकारी मुकदमेबाजी में फंसी हुई है।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘आपकी पार्टी के खजाने को भरने के लिए आपके सहयोगियों को कब तक भारत के लोगों को लूटने की छूट मिलती रहेगी?’’

रमेश ने दावा किया, ‘‘वित्त राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि डीआरआई ने अडाणी समूह द्वारा बिजली उपकरणों के आयात मामले की जांच पूरी कर ली है। डीआरआई ने 2014 में पता लगाया था कि अडाणी समूह की तीन कंपनियों ने चीन और दक्षिण कोरिया से आयाति‍त 3,580 करोड़ रुपए मूल्‍य के बिजली के उपकरणों के लिए दुबई स्थित इलेक्ट्रोजेन इंफ्रा एफजेडई को 9,048 करोड़ रुपये का भुगतान किया था और बाकी राशि गलत तरीके से देश से बाहर भेज दी थी।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘इस रिपोर्ट को तैयार होने में आठ साल से अधिक का समय क्यों लगा है और क्या आप डीआरआई को संभावित रूप से दोषसिद्ध करने वाली सामग्री को सार्वजनिक करने की अनुमति देंगे?’’

कांग्रेस अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रही है।

उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे। अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है।

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