सैटेलाइट कम्युनिकेशन के क्षेत्र में मस्क की मजबूत होती पकड़ से क्यों बढ़ रही चिंताएं
इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अपने स्टारलिंक सिस्टम के जरिए इटली सरकार के साथ इंटरनेट और दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए बातचीत कर रही है.
इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अपने स्टारलिंक सिस्टम के जरिए इटली सरकार के साथ इंटरनेट और दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए बातचीत कर रही है. हालांकि, इससे जुड़ी सुरक्षा और प्रतिस्पर्धा को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं.यूरोप के कई देशों में टेस्ला और स्पेसएक्स के संस्थापक इलॉन मस्क पर यूरोपीय राजनीति में हस्तक्षेप करने के आरोप लग रहे हैं. इस बात पर बहस तेज हो गई है कि मस्क यूरोपीय देशों की राजनीति को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं. इसके साथ ही, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के बारे में एक अलग चर्चा चल रही है. वह है वैश्विक उपग्रह क्षेत्र में उनका बढ़ता प्रभाव.
इटली की सरकार इस समय मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ 1.6 अरब यूरो (1.65 अरब डॉलर) के सौदे पर बातचीत कर रही है. इस सौदे के तहत स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइडर के जरिए इटली को एन्क्रिप्टेड टेलीकम्युनिकेशन सेवाएं यानी सुरक्षित दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
इलॉन मस्क के यूरोपीय राजनीति में दखल से चिंतित हैं नेता
इटली की सरकार ने पुष्टि की है कि बातचीत जारी है. वहीं दूसरी ओर, इस बातचीत से विवाद पैदा हो गया है. विपक्षी पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया है.
स्वतंत्र रूप से काम करने वाली स्पेस पॉलिसी स्कॉलर नम्रता गोस्वामी का मानना है कि इस तरह का सौदा ‘नई सामान्य बात' बन जाएगा, क्योंकि स्टारलिंक दुनिया भर में तेज एवं विश्वसनीय सैटेलाइट इंटरनेट और सुरक्षित दूरसंचार सेवाएं प्रदान करता है.
उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "सरकारें जानना चाहती हैं कि क्या किसी देश में जासूसी हो रही है, क्या लोगों की निगरानी की जा रही है, क्या कोई दुश्मन देश जानकारी इकट्ठा कर रहा है, और देश के भीतर कैसे संचार हो रहा है. स्पेसएक्स का दावा है कि उनके संचार सिस्टम बहुत सुरक्षित हैं और उनमें कोई आसानी से सेंध नहीं लगा सकता है. इसलिए, सरकारें स्पेसएक्स की सेवाओं का उपयोग करके अपनी सुरक्षा को मजबूत बनाना चाहती हैं.”
पूरा आसमान है स्पेसएक्स के पास
मेलोनी ने हाल ही में अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से उनके मार-ए-लोगो बेस पर मुलाकात की. उन्होंने ट्रंप और मस्क के साथ बेहतर संबंध स्थापित किया. वह कहती हैं कि यह कहना कि मैंने इस यात्रा के दौरान स्टारलिंक सौदे पर चर्चा की थी, ‘बिल्कुल हास्यास्पद' है.
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इलॉन मस्क का मेलोनी से संबंध उन्हें ‘लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स' के क्षेत्र में अपनी पहले से ही प्रभावशाली स्थिति को और बढ़ाने में मदद कर सकता है. ये सैटेलाइट्स पृथ्वी से 2,000 किलोमीटर (1,200 मील) या उससे कम ऊंचाई पर परिक्रमा करते हैं. साथ ही, ये दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं.
पिछले साल, स्पेसएक्स ने अपनी स्टारलिंक इंटरनेट सेवा का विस्तार 20 नए देशों में किया. इसका मतलब है कि अब 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों में स्पेसएक्स की सेवाएं उपलब्ध हैं. वर्तमान में, स्पेसएक्स के लगभग 7,000 उपग्रह अंतरिक्ष में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.
स्पेसएक्स ज्यादातर सामान्य लोगों और कंपनियों को इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराता है, लेकिन कुछ देश की सरकारें भी अपनी सेना और संचार से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण कामों के लिए स्टारलिंक का इस्तेमाल करती हैं.
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अमेरिकी रक्षा विभाग स्टारशील्ड नामक एक विशिष्ट सेवा का उपयोग करता है, जिसे कुछ सरकारी और सैन्य एजेंसियों के लिए डिजाइन किया गया है. यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध के दौरान स्टारलिंक सेवा का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया.
गोस्वामी के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध के उदाहरण से पता चलता है कि कई अन्य देश भी स्टारलिंक का इस्तेमाल अपनी सेना के संचार के लिए करना चाहेंगे. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम आगे चलकर यह देखेंगे कि यूरोप के साथ-साथ एशिया के देश भी सेना से जुड़े संचार मामलों के लिए स्टारशील्ड के इस्तेमाल के समझौते पर हस्ताक्षर करने पर विचार करेंगे.”
संचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां
अगर स्पेसएक्स इटली सरकार को संचार सेवाएं देने लगेगा, तो यह एक नई शुरुआत होगी. हालांकि, इससे अंतरिक्ष से जुड़ी रणनीति को लेकर इटली और यूरोपीय संघ के बीच कुछ विवाद भी हो सकते हैं.
पिछले महीने यूरोपीय आयोग ने IRIS² की स्थापना के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किया. इसके तहत, 2030 तक 260 उपग्रहों को पृथ्वी की निचली और मध्यम कक्षा में स्थापित करने की योजना है. इसके पीछे का विचार यह है कि इन उपग्रहों की मदद से यूरोपीय संघ के देशों के बीच सुरक्षित संचार संभव होगा.
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यूरोपीय आयोग के एक प्रवक्ता ने डीडब्ल्यू को बताया कि हालांकि यूरोपीय संघ की सरकारें इस सेवा का उपयोग करने के लिए बाध्य नहीं होंगी, लेकिन यह सेवा यूरोपीय संघ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यूरोपीय संघ के देशों को सुरक्षित और भरोसेमंद संचार सेवाएं चाहिए. यह योजना इस जरूरत को पूरा करेगी.
यूरोपीय संघ की सरकारों को स्टारलिंक सहित कुछ उपग्रह या इंटरनेट सेवाओं का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए ईयू में कोई नियम नहीं है. यूरोपीय संघ के प्रवक्ता ने साफ कहा कि अगर इटली चाहे तो वह स्पेसएक्स के साथ समझौता कर सकता है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इटली को यूरोपीय संघ की इस योजना (IRIS²) में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए.
प्रवक्ता ने कहा, "इटली और स्टारलिंक के बीच कथित समझौते पर आयोग सैद्धांतिक रूप से इस तरह की चर्चाओं पर टिप्पणी नहीं करता है. इटली एक स्वतंत्र देश है और वह खुद फैसले ले सकता है. संयोग से, तीन IRIS² नियंत्रण केंद्रों में से एक इटली में होगा.”
मस्क की भूमिका को लेकर चिंताएं
गोस्वामी के मुताबिक, स्पेसएक्स और स्टारलिंक को बड़ी सफलता मिली है. इस सफलता के साथ ही मस्क ने अंतरिक्ष में उपग्रहों के क्षेत्र में मजबूत पकड़ बना ली है. स्पेसएक्स फिर से इस्तेमाल किए जा सकने लायक रॉकेट बना सकता है. इसका मतलब है कि रॉकेट लॉन्च करने की उसकी यह क्षमता उसे अपने प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे रखती है.
स्पेसएक्स स्टारशिप का जिक्र करते हुए गोस्वामी ने कहा, "अगर स्टारशिप सफल होती है, तो वे और भी ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च कर पाएंगे. इससे इस क्षेत्र में उनकी पकड़ और भी ज्यादा मजबूत हो जाएगी.” स्टारशिप फिर से इस्तेमाल किया जा सकने वाला एक बड़ा रॉकेट होगा जिससे भारी सामानों को उठाया जा सकेगा. मस्क इस रॉकेट को तैयार करने में जुटे हुए हैं. यह काफी शक्तिशाली रॉकेट होगा, जो बड़े पेलोड को कक्षा में ले जाएगा, वापस धरती पर उतरेगा और कुछ ही घंटों में दूसरा मिशन लॉन्च कर पाएगा.
हालांकि, चीन और भारत भी स्टारलिंक जैसी सेवाएं बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इन दोनों देशों ने इस क्षेत्र में बहुत तेजी से काम किया है. गोस्वामी कहती हैं, "अगर भारत और चीन स्टारलिंक जैसी सेवाएं बनाने में सफल हो जाते हैं, तो वे इन सेवाओं को कम कीमत पर उपलब्ध करा पाएंगे. इससे विकासशील देशों के लिए इन सेवाओं का इस्तेमाल करना ज्यादा आसान हो जाएगा.”
इटली जैसे देशों और मस्क के बीच होने वाले सौदों से वैश्विक भू-राजनीतिक सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव से जुड़ी चिंताओं पर गोस्वामी कहती हैं कि राजनीति में उनका बढ़ता दखल एक स्पष्ट खतरे की ओर इशारा करता है.
गोस्वामी का मानना है कि अगर मस्क का किसी देश की सरकार से राजनीतिक मतभेद हो जाए, तो वह उस देश की सरकार या सेना को स्टारलिंक की सेवाएं देने से मना कर सकते हैं. यह एक बड़ा संभावित मुद्दा है.
वह कहती हैं, "कुछ ऐसी सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए कि वे किसी खास सेवा को सिर्फ इसलिए बंद न कर दें, क्योंकि उन्हें किसी खास देश की नीतियां पसंद नहीं हैं. यह मेरी चिंता है क्योंकि वह इतने शक्तिशाली हैं कि वे अपनी कंपनी के इस फैसले को प्रभावित कर सकते हैं कि किसे सेवा उपलब्ध करानी है और किसे नहीं.”