देश की खबरें | पश्चिम बंगाल ने प्रवासियों के मुद्दे को ठीक से नहीं संभाला: बम्बई उच्च न्यायालय
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बम्बई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच पश्चिम बंगाल ने प्रवासियों के मुद्दे को ठीक से नहीं संभाला और वहां की सरकार ने एक बार तो देश के अन्य हिस्सों से मजदूरों को उनके घर लौटने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया था।
मुंबई, 14 जुलाई बम्बई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच पश्चिम बंगाल ने प्रवासियों के मुद्दे को ठीक से नहीं संभाला और वहां की सरकार ने एक बार तो देश के अन्य हिस्सों से मजदूरों को उनके घर लौटने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया था।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने मुंबई स्थित ट्रेड यूनियन संस्था ‘सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें लॉकडाउन के मद्देनजर महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर चिंता जतायी गई है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, प्रवासी श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से उनके मूल राज्यों में भेजने के लिए उनके पंजीकरण के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया काफी कठिन है और इसे सरल बनाया जाना चाहिए, ताकि मजदूर आसानी से अपना पंजीकरण करा सकें।
सरकार ने पिछले महीने अदालत को बताया था कि वर्तमान में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की कोई मांग नहीं है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गायत्री सिंह ने मंगलवार को अदालत को बताया कि सरकारों का कहना है कि कोई फंसे हुए प्रवासी मजदूर नहीं हैं जो अपने मूल राज्यों में वापस जाना चाहते हैं, जोकि बिल्कुल गलत है।
सिंह ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ऐसे कई प्रवासी मजदूरों के संपर्क में है, जो अभी भी अपने मूल राज्यों में वापस जाना चाहते हैं और ऐसे मजदूरों की संख्या करीब 56,000 है। इनमें से कई मजदूर पश्चिम बंगाल के हैं।’’
मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा, ‘‘क्या आपको पश्चिम बंगाल की स्थिति के बारे में पता है? वहां की सरकार ने एक बार तो प्रवासी मजदूरों को वापस लौटने की अनुमति नहीं दी थी... हम किसी के खिलाफ कुछ भी कहना नहीं चाहते हैं, लेकिन वहां स्थिति को ठीक से संभाला नहीं गया।’’
उन्होंने महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में फंसे 30 मजदूरों का भी उदाहरण दिया, जिन्होंने कुछ समय पहले अपने दम पर एक बस की व्यवस्था की थी, जिससे वह पश्चिम बंगाल गये थे।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने मंगलवार को अदालत को बताया कि प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे से संबंधित इसी तरह का एक मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 9 जुलाई, 2020 के अपने फैसले में अपने मूल राज्यों में लौटने की इच्छा रखने वाले महाराष्ट्र में फंसे हुए प्रवासियों का पता लगाने के प्रति राज्य सरकारों की अनिच्छा पर नाराजगी व्यक्त की थी। शीर्ष अदालत ने इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा और इस मामले को अगली सुनवाई के लिए 17 जुलाई को सूचीबद्ध किया।
इसे देखते हुए उच्च न्यायालय की पीठ ने इस याचिका पर अगली सुनवाई अगस्त के पहले सप्ताह में करने का फैसला किया।
कृष्ण
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